राजीव कुमार झा, लखीसराय : बिहार सरकार के द्वारा लखीसराय की लाली पहाड़ी के उत्खनन का कार्य 31 दिसम्बर 2020 को सरकारी रूप से खत्म हो जाने के बाद इसके संरक्षण का काम बिलकुल बंद है और कंटीले तारों से घिरे उत्खनन स्थल का गेट बंद रहता है। इसे लेकर सरकार की उदासीनता कब दूर होगी यह कहना कठिन है।
यह एक महत्वपूर्ण बौद्ध पुरातात्विक स्थल है और पुरातत्वविदों ने इसे बौद्ध भिक्षुणियों के विहार के विहार के रूप में चिह्नित किया है। यहाँ उत्खनन कार्य की शुरुआत से पहले लाली पहाड़ी पर जाने के लिए सीमेंट कंक्रीट की रेलिंगदार सीढ़ियाँ भी बनायी गई थी, लेकिन सरकार द्वारा न ही इसे अभी तक संरक्षित किया गया और न हीं जिला प्रशासन के द्वारा इसे पर्यटक स्थल घोषित नहीं किया गया है। लाली पहाड़ी में रुचि रखने वाले लोग यहाँ आते-जाते दिखायी देते हैं।