डीपी सिंह की कुण्डलिया

।।जातिवाद का जह्र।।
डीपी सिंह

क्यों करनी है जातिगत, जनगणना श्रीमान?
लागू करना है यहाँ, क्या तिथिवार विधान?
क्या तिथिवार विधान, शुक्र को शरिया फतवा
बुद्धवार को बौद्ध, भौम को होगा भगवा?
जातिवाद का जह्र, खिलाना खाना ही क्यों
जहाँ न कोई काम, वहाँ पर जाना ही क्यों

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