कोलकाता। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिला अंतर्गत मीनाखां से 16 साल पहले लापता हुई बच्ची आखिरकार एक बार फिर अपने मां-बाप से मिल सकी है। ऐसा संभव हो पाया है एमेच्योर रेडियो ऑपरेटर हैम कर्मियों की मदद से। पश्चिम बंगाल हैम रेडियो क्लब के अध्यक्ष अमरीश नाग ने हिन्दुस्थान समाचार को गुरुवार को बताया कि बच्ची ने बुधवार को अपने एक परिचित को फोन किया था और कहा था कि मैं दिल्ली में हूं मुझे बेच दिया गया है। तुरंत हैम रेडियो ऑपरेटर को इस बारे में जानकारी मिली।
इसके बाद उन्होंने लड़की से संपर्क साधा। बाद में पता चला कि वह दिल्ली में नहीं बल्कि राजस्थान में है। जब वह 11 साल की थी तब दिल्ली स्टेशन से उसे अगवा कर लिया गया था। बाद में वह राजस्थान गई जहां एक व्यक्ति ने उसे अपने घर पर रख कर पहले पोशा पाला और बाद में उसी से शादी की है। लड़की का नाम वास्तव में नजबुला है लेकिन उसके पति ने उसका नाम रूपा मंडल रखा है अंबरिश बताते हैं कि रूपा का पति बहुत अच्छा शख्स है।
उसका नाम योगेश है और राजस्थान में ठेकेदारी का काम करता है। स्टेशन पर वह लड़की उसे बेसुध हालत में मिली थी जिसके बाद उसे घर लाया था और उसकी मदद कर रहा था। लड़की अपने घर वालों का पता नहीं बता पा रही थी जिसके बाद से उसने उसे अपने घर पर रख लिया और उसके मां-बाप की तलाश में वह खुद भी लगा हुआ था। राजस्थान के श्री महावीर जी पुलिस स्टेशन की अधिकारी संकरी शर्मा ने हैम रेडियो ऑपरेटर्स की मदद से बच्ची से संपर्क साधा है और उसके मां-बाप से बात करवाई है।
मीनाखां से उसके परिजन मिलने के लिए रवाना हो चुके हैं। योगेश बताते हैं कि उसने अपनी पत्नी का नाम जानबूझकर रूपा इसलिए रखा क्योंकि यह नाम हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों में रखा जाता है। उन्होंने कहा कि बच्ची जब मिली थी तो बेसुध हालत में थी। उसे कहीं छोड़ देना संभव नहीं था। मैं लगातार उसे आश्वासन देता था कि तुम्हारे मां-बाप मिल जाएंगे और खुशी है कि मिल गए। उन्होंने इसके लिए हैम रेडियो ऑपरेटर का धन्यवाद भी जताया है।
बच्ची की मां का नाम नवा है उसने बताया कि 16 साल पहले जब बच्ची लापता हो गई थी तो काफी खोजबीन के बाद हमने मान ली थी कि उसकी मौत हो चुकी है। उसका राशन कार्ड भी था जिसे बनवा कर रखा गया था लेकिन हर कोई यह जानता था कि बच्ची की मौत हो चुकी है। खुशी है कि वह जिंदा और खुशहाल हालत में मिली है।