मुंबई। कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के मुख्य अधिकारी वेंकी मैसूर और दिल्ली कैपिटल्स के पार्थ जिंदल के अनुसार इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की बड़ी नीलामी अब उतनी उपयोगी नहीं रही। ये दो बड़ी टी20 टीमों के प्रमुखों का यह कड़ा बयान मंगलवार को आया। मौजूदा आठ टीमों ने आने वाली बड़ी नीलामी से पहले अपने कुछ खिलाड़ियों को रिटेन किया है। मैसूर को लगता है कि बड़ी नीलामी ‘सभी के लिए एक समान’ नहीं रही। आईपीएल की शुरुआत के तीन साल बाद 2011 में पहली बार आयोजित की गई बड़ी नीलामी पर जिंदल ने कहा कि तीन सालों तक कई खिलाड़ियों पर समय और धन निवेश करने के बाद उन्हें खो देना ‘दिल दहला देने वाला’ था।
मैसूर ने मंगलवार को केकेआर के रिटेन खिलाड़ियों पर चर्चा करते हुए क्रिकइंफ़ो से कहा, “लीग के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ आ रहा है जहां आपको यह सवाल करना होगा कि क्या एक बड़ी नीलामी की ज़रूरत है। आने वाले नए खिलाड़ियों के लिए ड्राफ़्ट किए जा सकते है, या फिर आपसी सहमति से उन्हें ट्रेड (व्यापार) कर सकते हैं, खिलाड़ियों को लोन पर भेजा जा सकता है और हमें लंबे समय के लिए टीम बनाने की अनुमति दे सकते हैं।”
दोनों टीमों ने अधिकतम चार-चार खिलाड़ियों को रिटेन किया लेकिन इसके बावजूद उन्हें कई बड़े खिलाड़ियों को छोड़ना पड़ा जो पिछले कुछ सीज़नों में टीम में अहम किरदार थे। केकेआर ने शुभमन गिल, लॉकी फ़र्ग्युसन, नीतिश राणा और राहुल त्रिपाठी जैसे कई खिलाड़ियों का साथ छोड़ा जबकि दिल्ली ने शिखर धवन, कैगिसो रबादा और रविचंद्रन अश्विन को जाने दिया।