तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : कोरोना के खतरों के बीच मेट्रो, लोकल और दूरगामी ट्रेनें चलीं, स्कूल खुले तो खेला-मेला भी होगा। हमें कोरोना के खतरे के प्रति सावधान रहते हुए ही खुद को बचाए रखना होगा। यह बात खड़गपुर पुस्तक मेला आयोजन समिति के सचिव देवाशीष चौधरी ने कही। 22वें पुस्तक मेले के आयोजन को लेकर रविवार को मेला स्थल शहर के टाउन हाल में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि तमाम चुनौतियों के बीच 22वां पुस्तक मेला आगामी 2 से 10 जनवरी के बीच आयोजित होगा। इसे लेकर विवाद खड़ा करने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि विगत वर्षों की तरह तमाम आवश्यक सतर्कता बरती जाएगी।
चौधरी ने कहा कि मेले को लेकर सबसे बड़ी चुनौती यही है कि मेला स्थल यानि टाउन हाल तक आने वाली एक प्रमुख सड़क बंद है। भारी निर्माण चल रहा है। विकल्प मार्ग पर रेल फाटक होने से आवागमन में कठिनाई निश्चित है। इसे लेकर हम जल्द ही रेल अधिकारियों से मिलेंगे। इस बार के पुस्तक मेले में प्रदूषण नियंत्रण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी, क्योंकि व्यक्तिगत रूप से वे ग्लासगो जलवायु सम्मेलन में 14 साल की विनिशा उमाशंकर द्वारा दिए गए संभाषण से प्रभावित हैं।
मेला आयोजन समिति और मानस गौतम नारायण चौबे मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से आगामी 19 दिसंबर को “प्रदूषण प्रभावित खड़गपुर” विषय पर अंतर स्कूल निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। पुस्तक मेले में उत्तर और दक्षिण बंगाल की लोकसंस्कृति को विशेष महत्व दिया जाएगा। मेले के दौरान संगीत, क्विज और शतरंज प्रतियोगिता के साथ ही हिंदी कवि सम्मेलन और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। मीडिया सम्मेलन में उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में प्रो. तपन पाल, प्रशांत राय तथा सुनील माझी आदि शामिल रहे।