खड़गपुर : जानलेवा प्रदूषण रोकने की मांग पर
खड़गपुर औद्योगिक प्रदूषण निवारण समिति ने खरीदा से मलिंचा तक पदयात्रा का आयोजन किया। वक्ताओं ने कहा कि कई लौह और इस्पात कारखाने खड़गपुर शहर के उत्तरी छोर पर राष्ट्रीय राजमार्ग 6 के किनारे स्थित हैं। सर्दियों में खड़गपुर शहर और गर्मियों में ग्रामीण इलाकों में काले कार्बन और सिलिकॉन धूल के साथ काला पाउडर कारखानों से लेकर घरों और शरीरों में प्रवेश कर रहा है। तालाबों में पानी भर जाने से भी फसलों को नुकसान हो रहा है।
इस हानिकारक प्रदूषण के खिलाफ खड़गपुर औद्योगिक प्रदूषण निवारण समिति लगातार अभियान चला रही है। सम्मेलन, हस्ताक्षर संग्रह, प्रतिनियुक्ति, फैक्ट्री गेट के सामने धरना आदि के माध्यम से जागरूकता फैलाने की कोशिश की जा रही है। प्रदूषण की शिकायत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समेत विभिन्न राज्य व जिला स्तर पर की गयी है।
जन प्रतिनिधियों को इस प्रदूषण के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया है लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हुआ। इस साल फिर से खड़गपुर के 12 वार्डों के लोग इस प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं। खड़गपुर औद्योगिक प्रदूषण निवारण समिति ने रविवार को विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों, साहित्यकारों, कवियों, प्रोफेसरों, कलाकारों, विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के साथ मार्च निकाला और कंपनी और प्रशासन से इस प्रदूषण को रोकने के लिए उपाय करने की मांग की।
इस पदयात्रा में तालबागीचा भगत सिंह समिति, खड़गपुर मानवाधिकार कमेटी , झपेटापुर प्रगति, खड़गपुर नागरिक समाज, खरीदा जतिन मित्र समिति के सदस्य उपस्थित थे। प्रदूषण निवारण समिति के सदस्य लेखक सुनील माजी ने कहा– कंपनी अपना मुनाफा लूट ले, लेकिन खड़गपुर के लोग स्वस्थ रहें। इसकी व्यवस्था भी करे प्रोफेसर तपन कुमार पाल ने कहा कि भावी पीढ़ियों के लिए इस प्रदूषण की रोकथाम अब जरूरी है।
प्रदूषण समिति के सचिव अनिल दास ने कहा कि आने वाले दिनों में स्वयंसेवी संस्थाएं सामूहिक हस्ताक्षर कर राज्य और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को देंगी। आने वाले दिनों में इस प्रदूषण से प्रभावित लोगों को लेकर फैक्ट्री के गेट के बाहर धरने पर बैठकर उन्हें रहने देने की अपील की जाएगी।
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