तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : स्व के हस्ताक्षर को सरकारी नियम की खानापूर्ति नहीं बल्कि अपने स्वाभिमान के रूप में देखना चाहिए। यह पारदर्शिता के लिहाज से भी महत्त्वपूर्ण है। खड़गपुर के मलिंचा रोड स्थित तेलुगू विद्यापीठ में आयोजित नगरपालिका के निरक्षर स्वच्छता कर्मचारियों के समवर्ती साक्षरता अभियान वर्गवय मूल्यांकन परीक्षा में यह बात पालिका पदाधिकारियों ने कही।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में निवर्तमान सभासद अंजना साखरे व जगदंबा गुप्ता तथा देवांशु गांगुली, विपुल दास और प्रेरक व सह प्रेरकों में बालगोविंद तिवारी, तारक नाथ दुबे , तरुण राय, अरुप सरकार, करूणा शर्मा, प्रतिमा दास , सोमा दुबे तथा सीमा तिवारी आदि शामिल रहे।
केंद्र में हुई मूल्यांकन परीक्षा में शामिल कुल 30 पालिका कर्मचारियों से हिंदी, अंग्रेज़ी व गणित के सवाल किए गए। शहर के अन्यान्य केंद्रों में भी ऐसी परीक्षाएं हुई। सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देने की घोषणा की गई। बता दें कि सरकार ने विगत जुलाई में कर्मचारियों को किए जाने वाले किसी भी प्रकार के भुगतान के लिए हस्ताक्षर अनिवार्य घोषित किया था।
तीन महीने बाद से अंगूठा लगा कर किसी भी तरह के भुगतान की मनाही घोषित की गई थी। इसके फलस्वरूप विगत 16 जुलाई से नगरपालिका के उन सफाई कर्मचारियों को साक्षर करने की मुहिम शुरू की गई, जो हस्ताक्षर नहीं कर पाते। इसके लिए तीन महीने की समय सीमा तय की गई थी। स्थानीय नगरपालिका के 69 प्रेरक व सह – प्रेरक इस अभियान में शामिल किए गए।