अखंड सौभाग्‍य के ल‍िए रखें मंगलागौरी का व्रत

जिन युवतियों को विवाह में आ रही हो बाधा तो, करें मां मंगलागौरी की पूजा अर्चना
पहला मंगलागौरी व्रत 23 जुलाई मंगलवार को

वाराणसी। श्रावण चांद्रमास 22 जुलाई सोमवार से शुरू होने या रहा है जिस तरह भगवान शिव को सावन के सोमवार प्र‍िय हैं। उसी तरह माता पार्वती को सावन माह के मंगलवार बहुत प्र‍िय हैं। इस विषय में पण्डित मनोज कृष्ण शास्त्री जी ने बताया की मंगलागौरी व्रत पूजन से व्रती का सौभाग्‍य अखंड होता है। वैवाहिक जीवन की हर समस्या दूर होती है जिन युवतियों को विवाह में देरी हो रही हो या कोई बाधाएं आ रही हो तो सावन मास के मंगलवार के दिन मां मंगलागौरी का व्रत रखने, उनकी विशेष विधि से पूजा उपासना करने से विवाह में आ रही बाधा शीघ्र ही दूर हो जाती है।

यह व्रत महिलाएं संतान प्राप्ति एवं उनकी मंगल कामना के लिए भी करती हैं, विशेषकर अगर मंगल दोष समस्या दे रहा हो तो सावन के मंगलवार की पूजा करना शुभ रहता है। इस बार श्रावण चंद्रमास में चार मंगलवार पड़ रहे हैं। पहला मंगलवार 23 जुलाई को, दूसरा 30 जुलाई, तीसरा 06 अगस्त को और अंतिम और चौथा 13 को पड़ रहा है।

व्रत विधि इस प्रकार है : सूर्य उगने से पहले व्रती उठें स्नान कर पूजा स्थान में एक लकड़ी के तख्त पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर गणेश जी, मां मंगलागौरी यानी मां पार्वती की प्रतिमा या चित्र रखें, आत्म पूजा कर व्रत का संकल्प लें, ‘मम पुत्रा पौत्रा सौभाग्य वृद्धये श्री मंगलागौरी प्रीत्यर्थं पंचवर्ष पर्यन्तं मंगलागौरी व्रतमहं करिष्ये’ गणेश जी का पूजन करें फिर मंगलागौरी का पूजन करें। पूजा में मां गौरी को वस्त्र, सुहाग की सामग्री, 16 श्रृंगार की वस्तुएं, 16 चूडियां, नारियल, फल, इलाइची, लौंग, सुपारी मिठाई और सूखे मेवे 16 जगह बनाकर अर्पित करना चाहिए।

पूजा के बाद मातारानी की आरती करें एवं कथा सुने, उसके बाद भक्तों को प्रसाद वितरित करें और जरूरतमंद लोगों को धन-अनाज का दान करें। ध्यान रखें लगातार पांच साल तक मंगला गौरी पूजन करने के बाद पांचवें वर्ष में सावन माह के अंतिम मंगलवार को इस व्रत का उद्यापन करना चाहिए। मान्यता के अनुसार अगर कन्या मांगलिक है अर्थात कन्या की कुंडली में मंगल 1, 4, 7, 8 और 12वें घर में उपस्थित हो तो मंगल दोष बनता है। श्रावण के मंगलवार कन्या को मंगलागौरी का व्रत करना चाहिए। पूजा अर्चना करनी चाहिए इस से मंगल दोष समाप्त हो जाता है तथा कन्या को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है।

ज्योतिर्विद रत्न वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 99938 74848

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

2 × 4 =