नेताजी के जन्मोत्सव पर कवि सम्मेलन सम्पन्न

रिसड़ा : रिसड़ा विद्यापीठ एलुमनाई वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वावधान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए, गूगल मीट के माध्यम से डॉ. राजकुमार चतुर्वेदी की अध्यक्षता में 23 जनवरी 2022 की शाम 5 बजे से ऑनलाइन काव्य संध्या का आयोजन किया गया। संस्था की महिला कार्य सचिव रीमा पाण्डे द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। तदुपरान्त संस्था के सचिव मुन्ना प्रसाद द्वारा स्वागत वक्तव्य के साथ सभी आमंत्रित कवियों, श्रोताओं एवं मुख्य अतिथि का स्वागत किया गया।

सर्वप्रथम विद्यालय के हिंदी के पूर्व शिक्षक सिया राम द्विवेदी एवं देश में फैली महामारी की वजह से बिछड़े लोगों के आकस्मिक निधन पर एक मिनट का मौन धारण कर दिवंगत लोगों की आत्मा की शान्ति हेतु परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना की गयी। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि आगरा से अंर्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. रूचि चतुर्वेदी रहीं। ज्ञातव्य है कि संस्था की स्थापना 2019 में हुई, एवँ इसका मुख्य उद्देश्य रिसड़ा विद्यापीठ में पढ़ने वाली अगली पीढ़ी के छात्रों को पूर्व छात्रों द्वारा मजबूती प्रदान करना है

रीमा पाण्डे द्वारा सफलता पूर्वक संचालित उक्त कवि सम्मलेन में आगरा से मुख्य अतिथि डॉ. रूचि चतुर्वेदी, भोपाल से भोजपुरी फिल्म कलाकार समर्थ चतुर्वेदी, गुरुग्राम से समाज सेवी अभय राज, डॉ. राज कुमार चतुर्वेदी, रघुनाथ प्रसाद गुस्ताख़, एच. प्रसाद (हरिहर प्रसाद), श्यामा सिंह, रीमा पाण्डे एवं संस्था के संयोजक मोहन (सूर्य कान्त) चतुर्वेदी ने अपनी ओजस्वी एवं प्रभावशाली रचनाओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। अपने अध्यक्षीय प्रतिवेदन में डॉ. राज कुमार चतुर्वेदी ने किसी भी काल खण्ड में रिसड़ा विद्यापीठ से पढ़े सभी छात्रों से अधिक से अधिक संख्या में संस्था से जुड़ कर अपने विद्यालय एवं उसमें पढ़ने वाली नई पीढ़ी को विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत बनाने का अनुरोध किया।

उक्त कार्यक्रम में संस्था के उपाध्यक्ष डॉ. जी.के. दास, सहसचिव संतोष सिंह, राजेश पाठक, कोषाध्यक्ष पुरुषोत्तम मन्त्री, नीरज मिश्रा, सीमा सिंह, शान्ति लाल दुग्गड़, भवानी शंकर शर्मा, विद्यापति पाण्डे, सत्य प्रकाश पाण्डे, राजेन्द्र यादव, सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। संस्था के संयोजक मोहन (सूर्य कान्त) चतुर्वेदी ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए गौरव बोध के साथ कहा कि आज के कार्यक्रम के मंचासीन अधिकतर कवि रिसड़ा विद्यापीठ के छात्र/छात्रा या शिक्षक हैं तथा भविष्य में भी ऐसे साहित्यिक एवं अन्य कार्यक्रम किए जाते रहेंगे।

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