कोलकाता। विख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन और टेसी थॉमस तथा प्रायोगिक भौतिक विज्ञानी प्रोफेसर एच सी वर्मा को शनिवार को आईआईटी खड़गपुर के 67वें दीक्षांत समारोह में डॉक्टरेट ऑफ साइंस (डीएससी) की मानद उपाधि दी गई। संस्थान ने एक बयान में बताया कि तीनों हस्तियों को संबंधित क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। कस्तूरीरंगन ने प्रशासन को भेजे एक वीडियो में कहा कि वह मानद डिग्री को पाकर बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं। विख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक कस्तूरीरंगन 1994 से 2003 के बीच इसरो के प्रमुख थे।
बयान में कहा गया कि कस्तूरीरंगन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के शिल्पी हैं, जिसने देश की शिक्षा प्रणाली का चेहरा बदल दिया। वहीं, थॉमस इस सम्मान को केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान से ग्रहण करने के लिए कार्यक्रम में मौजूद थीं। वह मिसाइल परियोजना का नेतृत्व करनेवाली पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक हैं। अग्नि-IV मिसाइल की पूर्व परियोजना निदेशक ने कहा कि वह देश के पहले आईआईटी से मानद डिग्री प्राप्त कर सम्मानित महसूस कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि इससे वह मिसाइल और मानवरहित विमान क्षेत्र में और काम करने के लिए प्रोत्साहित होंगी। थॉमस वर्तमान में सशस्त्र बल के लिए अत्याधुनिक विमान के विकास के कार्य का नेतृत्व कर रही हैं और राष्ट्रपति ने आईआईटी परिषद में पहली महिला सदस्य के रूप में उन्हें नामित किया है।
वर्मा ‘नेशनल अन्वेषिका नेटवर्क ऑफ इंडिया’ के राष्ट्रीय समन्वयक हैं, जो भारतीय भौतिकी शिक्षकों के संघ का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। उन्होंने कक्षाओं में शिक्षकों द्वारा किए जाने वाले 600 से अधिक कम लागत वाले भौतिकी प्रयोग विकसित किए हैं और इस विषय पर स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए कई लोकप्रिय पुस्तकें लिखी हैं। आईआईटी खड़गपुर में खनन इंजीनियरिंग विभाग के संस्थापक प्रमुख एम ए रामलू को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाजा गया।