झाड़ग्राम : पर्यावरण अनुसंधान संगठन “टीयर” के वसंतोत्सव में उड़े रंग – ग़ुलाल

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : पर्यावरण अनुसंधान संगठन ट्रॉपिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्थ एंड एनवायर्नमेंटल रिसर्च (टीआईईईआर) का वार्षिक सत्र झाड़ग्राम राजबाड़ी परिसर में आयोजित किया गया।

सत्र, पुरस्कार वितरण और अनुसंधान निष्कर्षों की प्रदर्शनी और पारंपरिक कला संस्कृति उत्सव पर्यावरण-अनुकूल छायादार खुली हवा में प्राचीन पारंपरिक राजबाड़ी के प्रांगण में आयोजित किया गया।

संस्था के जामडहरी दत्तक गांव के नवागंतुक एवं उभरते हस्त कलाकार संटू महतो ने परिसर के खुशनुमा माहौल में सत्र का आयोजन किया। उत्सव के मैदान को विभिन्न वन उत्पादों, रंग-बिरंगे फूलों और मिट्टी के बर्तनों और अबीर से सजाया गया।

इस सत्र में संस्था के आजीवन सदस्य, वार्षिक सदस्य एवं आमंत्रित सदस्य सहित लगभग पचास लोग उपस्थित थे। वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं संस्था के अध्यक्ष. सत्र की शुरुआत विनय कुमार चंद की अध्यक्षता में हुई।

Jhargram: Colors flourished in the spring festival of environmental research organization "TEER" - Ghulal

आरंभिक संगीत के रूप में अतनु बनर्जी ने संस्था के सचिव प्रो. प्रणव साहू द्वारा लिखित एवं संगीतबद्ध बसंत गीत प्रस्तुत किया। संगठन के संस्थापक दिवंगत प्रोफेसर डॉ.सुदीप डे और पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ मीसा रॉय व अन्य के प्रति श्रद्धा व्यक्त किया गया।

एसोसिएशन के सचिव प्रो प्रणब साहू ने मिशा रॉय और अन्य लोगों के प्रति सम्मान और संवेदना व्यक्त करते हुए सभी के सामने वार्षिक गतिविधियाँ प्रस्तुत कीं।

सदस्यों ने गतिविधियों पर विशेष रूप से चर्चा की और रचनात्मक विचारों का आदान-प्रदान किया। दत्तक गांव के सदस्य दिलीप मांडी ने अपने गांव के स्थिर ग्रामीण विकास और कृषि को लेकर संगठन के सहयोग और गतिविधियों पर सबके सामने प्रकाश डाला।

आगामी दिनों में गोद लिए गांव की भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की गई। सत्र में आठ नये शोधार्थियों, विद्यार्थियों एवं शुभचिंतकों ने सदस्यता ग्रहण की।

संस्था के उपाध्यक्ष पद पर डाॅ. नारायण चटर्जी के साथ-साथ विष्णुपुर रामानंद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. श्रीवापना घोराई को जिम्मेदारी दी गई। झाड़ग्राम महिला कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर सुशील कुमार बर्मन सलाहकार सदस्य के रूप में संगठन में शामिल हुए।

राजपरिवार के सदस्य शिवेंद्र विजय मल्लदेव ने संगठन के सभी सदस्यों से मुलाकात की और शुभकामनाएं दीं। कोषाध्यक्ष नरसिंह दास ने वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 का आय-व्यय प्रस्तुत किया तथा संस्था का नवीनीकरण प्रमाण पत्र एवं ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की।

भविष्य की योजनाओं में ग्रीन ऑडिट, एक्शन रिसर्च, ग्रीन कैंपस प्रोजेक्ट, मेदिनीपुर शहर के पास एक गाँव को गोद लेना, शोध पत्रिकाओं और पुस्तकों का प्रकाशन और डेटा विज़ुअलाइज़ेशन शामिल हैं।

संगठन ने कहा कि जामडहरी गांव में फल उद्यान और पलाश वृक्ष गलियारा बनाया जाएगा। प्रस्तावित नई कार्य समिति, ग्रीन ऑडिट समिति एवं विशेषज्ञ समिति का प्रस्तुतीकरण एवं निर्णय लिया गया।

संस्था के सचिव प्रो. प्रणव साहू ने कहा कि राज्य के करीब बीस कॉलेजों और दो विश्वविद्यालयों का ग्रीन ऑडिट और पर्यावरण प्रबंधन का काम एक साल, दो साल और पांच साल से चल रहा है।

हुगली में श्रीरामपुर कॉलेज, पूर्वी मिदनापुर में पालपारा योगदा सत्संग कॉलेज, झाड़ग्राम रामकृष्ण मिशन में ग्रीन कैंपस प्रोजेक्ट और दत्तक गांव जामदाहरी में सतत ग्रामीण विकास परियोजना सहित विभिन्न गतिविधियां चल रही हैं।

संगठन के पैंतीस सदस्यों को प्रत्येक क्षेत्र में उनके विशेष योगदान के लिए विशेष पुरस्कार दिए गए, जिनमें ग्रीन ऑडिट विशेषज्ञ, शोधकर्ता, पर्यावरण प्रबंधन सह-शोधकर्ता, समीक्षक, डेटा संग्रहकर्ता, कलाकार, गायक और इन्फोग्राफिक निर्माता शामिल हैं।

अतनु बनर्जी, सोनाली दंडपत, मेघमौली दंड और मनसा पत्थर सहित छात्रों और शोधकर्ताओं ने वासंतिक कला-संस्कृति महोत्सव में संगीत प्रस्तुत किया।

संगठन के अध्यक्ष विनय कुमार चंद और सचिव प्रो प्रणब साहू ने सदस्यों से विशेष रूप से संगठन के विकास में अपना समय और प्रतिभा योगदान देने की अपील की।

सत्र के अंत में सदस्यों ने राजबाड़ी मंदिर की परिक्रमा की और भगवान के स्थान पर अबीर और पुष्पार्घ्य अर्पित किया और झूलन उत्सव का आनंद लिया।

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