नयी दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने सरकार से एकबार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए कहा कि देश के विकास के लिए पिछड़े राज्यों को आगे बढाना होगा। जद(यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर गुरुवार को चर्चा को आगे बढाते हुए कहा कि देश के कई राज्य हैं जो पिछड़े हैं। देश के विकास के लिए पिछड़े राज्यों का विकास करना जरूरी है। बिहार राज्य के बंटवारे के समय सारे खनिज संसाधन झारखंड चले गये।
विभाजन के समय बिहार को प्रति वर्ष एक हजार करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया गया था लेकिन योजना आयोग के समाप्त होने के बाद इस रकम को बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के लिए विशेष राज्य का दर्ज मिलने से बहुत सारे छूट मिलेंगे और इससे उद्योग लगाने में आसानी होगी और जब उद्योग लगेंगे तो प्रदेश का विकास होगा। उन्होंने कोरोना संकट के समय बेहतर प्रबंधन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को साधूवाद देते हुए कहा कि दुनिया के विकसित देशों में जो कोरोना के समय जो भयावहता थी उस प्रकार की स्थिति अपने देश में देखने को नहीं मिली थी।
सरकार ने तेजी से टीकाकरण अभियान चलाया जिसकी वजह से वर्तमान समय में संक्रमण दर घटकर दस प्रतिशत रह गया है। टीकाकरण ने तीसरी लहर को रोकने में सफलता दिलाई। प्रधानमंत्री ने साहस के साथ सभी राज्यों की सरकारों को विश्वास में लेकर कोरोना महामारी पर काबू पाने का काम किया है। बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि राष्ट्रपति अगर अपने मन की बात करते तो बेरोजगारी जैसी भयंकर समस्या पर अवश्य प्रकाश डालते। आजादी के 75 साल में पहली बार बेरोजगारी को लेकर दंगा बिहार और उत्तर प्रदेश में देखने को मिली है इससे हम सभी को पीड़ा है।
रेलवे 35 हजार 281 छोटे पदों के लिए एक करोड़ 25 लाख आवेदन आना क्या दर्शाता है। उन्होंने कहा नौजवानों की पीड़ा को हम लोगों को समझना चाहिए। बड़ी बड़ी घोषणाएं करने के बजाय वास्तविक स्थिति को समझना चाहिए। महंगाई एक बड़ा मुद्दा है। इसकी वजह से महिलाएं किचन आंसूओं से संभाल रही है। इसी प्रकार युवा जब पेट्रोल पंप पर जाता है तब तेल दाम में बढोत्तरी से उनके चेहरे की मायूसी होती है। उन्होंने कहा कि भारत राज्यों का संघ है इसलिए सभी राज्यों के विकास पर ध्यान देने की जरूरत है।