09 दिसम्बर को सिनेमाघरों में जगमगाएगी जैकी श्रॉफ की “लाईफ ईज गुड”

मानवीय संवेदनाओं को भावनात्मक रूप में प्रस्तुत करती “लाईफ ईज गुड”

अनिल बेदाग, मुंबई । आज सिने प्रेमियों की अमूमन यह शिकायत रहती है कि तकनीकी तामझाम के आवरण के पीछे संवेदनशील सिनेमा कहीं खो गया है। इन शिकायतकर्ताओं को तलाश रहती है एक ऐसी फिल्म की जो रूह को ठंडक दे और दिल की गहराइयों में उसका असर उतर जाए। अब निर्माता आनंद शुक्ला की फ़िल्म “लाईफ ईज गुड” के तहत उनकी यह तलाश पूरी होने जा रही है। मानवीय संवेदनाओं को भावनात्मक रुप में प्रस्तुत करती यह फिल्म नौ दिसंबर को प्रदर्शित हो रही है और फिल्म की कहानी संवेदनाओं की नींव पर रखी गयी है।

यह कहानी रामेश्वर (जैकी श्रॉफ) के इर्द-गिर्द बुनी गयी है। अधेड़ उम्र का रामेश्वर खूबसूरत पहाड़ी जगह पर एकाकी जिंदगी बीता रहा होता है। वह अपनी माँ को खूब चाहता है, पर वह तब टूट सा जाता है, जब मां का देहांत हो जाता है। रामेश्वर को अब अपनी ज़िंदगी निरर्थक लगने लगती है। अब उसके पास जीने का कोई मकसद नहीं है। जिंदगी को वह बोझ समझने लगता है और ऐसे में एक कमज़ोर लम्हें के दौरान वह आत्महत्या करने के बारे में सोचता है। इससे पहले कि वह एक जानलेवा कदम उठाए, संयोग से उसकी ज़िन्दगी में 6 वर्षीय नन्हीं मासूम लड़की मिष्टी (सानिया अंक्लेसरिया) का आगमन होता है। मिष्टी के परिचय में आने के बाद रामेश्वर की बेनूर ज़िंदगी में निखार आ जाता है।

उसकी ज़िन्दगी में खुशियों व उम्मीदों के नए रंग भर जाते हैं। ज़िंदगी को बोझ मान रहे रामेश्वर की ज़िंदगी एक मासूम बच्ची की बदौलत कैसे बदल जाती है और ज़िंदगी के प्रति उसका नजरिया कैसे बदल जाता है, यह इस फ़िल्म की कहानी का सार है। फिल्म के कहानी लेखक हैं सुजीत सेन और निर्देशक हैं अनंत नारायण महादेवन। फ़िल्म के अन्य कलाकार हैं अनन्या, रजित कपूर, स्वानंद वर्मा, अंकिता, सुनीता सेन गुप्ता, मोहन कपूर और दर्शन जरीवाला। फ़िल्म के प्रोमो ने लोगों का दिल जीत लिया है और अब दर्शकों के दिलों पर राज करने के लिए यह फ़िल्म 9 दिसम्बर को सिनेमाघरों में आ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four × 3 =