कोलकाता : पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं। कोरोना वायरस में बसें डेढ़ महीने से बंद थी। फिलहाल बसों को चलाने की अनुमति भले ही दी गई हो लेकिन बस मालिक के के संगठनों ने सवाल किया है कि 50 फ़ीसदी यात्रियों के साथ बस का खर्च कैसे पूरा किया जाएगा। इसी कड़ी में सोमवार यानी कि आज परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने निजी बस किराए को लेकर बस मालिक संगठनों के साथ बैठक की। बैठक के अंत में राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल बस का किराया किसी भी कीमत पर नहीं बढ़ाया जाएगा।
इसके बजाय राज्य सरकार ने अक्टूबर तक रोड टैक्स माफ करने का फैसला किया है। दूसरी ओर बस मालिकों का दावा है कि आय और व्यय के बीच संतुलन नहीं होने पर बस चलाना मुश्किल हो रहा है।
गौरतलब हो कि 1 जुलाई से राज्य सरकार ने 50 प्रतिशत यात्रियों के साथ बसों को उतारने का आदेश दिया है। लेकिन सड़क पर यात्रियों के लिए पर्याप्त बसें नहीं है। ऐसे में यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बस मालिकों का दावा है कि जिस तरह से पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ी है इतने कम यात्रियों के साथ बस चलाना लगभग असंभव है।
यह तस्वीर कोलकाता में ही नहीं बल्कि जिलों में भी देखी जा सकती है। कुछ जगहों पर बस मालिकों ने बसों पर पोस्टर लगाकर यात्रियों से अतिरिक्त किराया देने की अपील की है। इसी सिलसिले में आज यानी कि सोमवार को परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने बंगाल बस सिंडिकेट के अध्यक्ष बंगाल बस मालिक संगठनों के साथ बैठक की। इस दिन यह उनकी बैठक राज्य सचिवालय में हुई। उसके बाद राज्य सरकार ने जानकारी दी कि फिलहाल बस का किराया बढ़ाना संभव है। यानी बस को उसी किराए पर सड़क पर उतारना होगा।
इस फैसले के बाद बस मालिक संगठनों की तरफ से कहा गया कि वह हड़ताल पर नहीं गए, लेकिन कई परिवारों की आजीविका के बारे में सवाल है। संगठनों की तरफ से कहा गया कि 2020 में लॉकडाउन के बाद आरटीओ कार्यालय से किराया बढ़ाने की बात कही जा रही थी। इसके अलावा उस समय पेट्रोल-डीजल की कीमतें काफी कम थी। लेकिन मौजूदा हालात में बस मालिकों को चिंता है कि पेट्रोल-डीजल के दाम 100 के पार पहुंच गए तो क्या होगा। हम चाहते हैं कि बस सड़कों पर उतरे।
बस मालिकों ने यह भी कहा कि बस चलाने के लिए सरकारी अनुदान मांगा गया है। अगर लागत नहीं बढ़ाई गई तो मालिक को नुकसान उठाना पड़ेगा। ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट, बंगाल बस सिंडिकेट,वेस्ट बंगाल बस मिनी बस ओनर्स एसोसिएशन समेत बाकी संगठनों ने भी बस में किराए में बढ़ोतरी की मांग की है।
इसी बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि का विरोध किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय शुल्क कम करने का अनुरोध किया है। महंगाई पर ममता ने गहरी चिंता जाहिर की है।