बच्चे के पिता का नाम बताना जरूरी नहीं, नुसरत जहां के सपोर्ट में उतरी कोलकाता की सिंगल मदर्स

कोलकाता। बांग्ला फिल्मों की खुबसूरत अभिनेत्री और तृणमूल कांग्रेस सांसद नुसरत जहां (Nusrat Jahan) का विवादों से गहरा नाता रहा है। वह अक्सर किसी विवाद में फंस जाती हैं। कुछ महीने पहले अपने रिलेशनशिप को लेकर विवाद का सामना कर रही थी। बहरहाल इस बीच उन्होंने गुरुवार को अपने स्वस्थ बेटे को जन्म दिया। अब इसको लेकर एकबार फिर विवाद में पड़ती नजर आ रही हैं क्योंकि उनके पति निखिल ने एक बयान में कहा था कि यह बच्चा उनका नहीं है।

इसके बाद शहर में रह रही उन माताओं ने आपस में चर्चा की, जिन्होंने मजबूरी में या अपनी इच्छा से अपने बच्चों के पिता के नाम का खुलासा नहीं करने का विकल्प चुना है। विजुअल आर्टिस्ट एलीना बानिक (Eleena Banik) ऐसी ही एक सिंगल मदर हैं. उनका 2003 में उनके पति से तलाक हो गया था। टीओआई में छपी खबर के अनुसार, एलीना ने बताया कि, ‘मैं एक रिलेशनशिप में थी, लेकिन हम दोनों के लिए शादी करना संभव नहीं था. पहले बच्चे के गर्भधारण के बाद 2010 में मेरा गर्भपात हो गया।’ 2011 में गर्भवती होने से पहले वह सेलिब्रिटी थीं।

एलीना बानिक ने आगे बताया कि, ‘मेडिकल रेस्ट्रिक्शंस के कारण मैंने घर से बाहर निकलने में कमी कर दी। थोड़ी अंधविश्वासी होने के कारण मैं अपनी प्रेग्नेंसी का खुलासा नहीं करना चाहती थी। मुझे अस्पताल में पिता के नाम का उल्लेख करने की जरूरत नहीं है, लेकिन मुझे अपनी बेटी का स्कूल में एडमिशन कराने के दौरान कुछ प्रॉब्लम्स को फेस करना पड़ा। एलीना सिंगल मदर हैं और अपनी बेटी के साथ रहती हैं. उनकी बेटी अपने पिता को जानती है, फिर भी एलीना ने अभी तक उनकी पहचान सार्वजनिक नहीं की है।

निर्देशक अनिंदिता सर्बाधिकारी (Anindita Sarbadhicari) 8 साल पहले आईवीएफ के जरिए मां बनी थीं. वे सिंगल मदरहुड को एन्जॉय कर रही हैं। उन्होंने 2015 में अपनी च्वाइस से सिंगल मदर बनने का निर्णय लेने वाले इंजीनियरिंग कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर सावन सेन का उदाहरण दिया और कहा कि, ‘एक मां को अपने बच्चे के पिता के नाम का खुलासा नहीं करने का हक है। मीडिया की लाइमलाइट में रहने के कारण मुझे पता है कि सिंगल मदरहुड का निर्णय लेकर जीवन जीना हमारे लिए इतना मुश्किल नहीं है।

सांसद होने के कारण नुसरत के लिए यह आसान होना चाहिए कि वे सभी शोरगुल को नजरअंदाज कर दें। मीडिया की पहुंच में नहीं रहने वाली महिलाओं के लिए ऐसा फैसला करना कहीं अधिक चैलेंजिंग है. सौभाग्य से मैं पर्सनली ऐसे कई लोगों को जानती हूं जो ऐसे फैसले कर रहे हैं और इन फैसलों की सामाजिक स्वीकृति भी प्राप्त कर रहे हैं।

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