ISRO ने श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया PSLV-C51, जानें क्यों खास है यह लॉन्चिंग

नई दिल्ली (New Delhi) : इसरो ने रविवार को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से PSLV-C51 को लॉन्च किया। यह देश में अपनी तरह का पहला स्पेस मिशन है। PSLV-C51 अपने साथ ब्राजील के सैटेलाइट एमेजोनिया-1 समेत 18 अन्य उपग्रह लेकर गया है। इनमें 13 सैटेलाइट अमेरिका के हैं। यह इसरो का 2021 में पहला लॉन्च है। इस लॉन्‍च की खास बात यह है कि इसके साथ भगवदगीता भी अंतरिक्ष में भेजी गई है।

उपग्रहों की संख्या 342 पहुंची : इसरो के इस सफल प्रक्षेपण के साथ ही भारत की तरफ से लॉन्च किए जाने वाले विदेशी सैटेलाइटों की संख्या बढ़कर 342 हो गई है। रविवार को लॉन्च हुए PSLV-C51 रॉकेट के उड़ान की समय सीमा 1 घंटा, 55 मिनट और 7 सेकंड की थी।

अंतिम समय में रोकना पड़ा आनंद का प्रक्षेपण
इसरो ने सॉफ्टवेयर संबंधी कुछ कारणों के चलते अंतिम समय में उपग्रह आनंद और नैनो सेटेलाइट रॉकेट के साथ प्रक्षेपित नहीं करने का फैसला किया। रविवार को जिन उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया उनमें चेन्‍नै की स्पेस किड्ज़ इंडिया (SKI) का सतीश धवन SAT (SD SAT) शामिल है। इसके शीर्ष पैनल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर उकेरी गई है। SKI ने भगवदगीता को SD कार्ड में भेजा है।

जंगलों की कटाई पर रखेगा नजर : भारत की तरफ से पहली बार ब्राजील के उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजा गया है। ब्राजील का उपग्रह अमेजोनिया-1 अमेजन में जंगलों की कटाई पर नजर रखेगा। इसरो ने बताया कि अमेजोनिया-1 उपग्रह की मदद से अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई और ब्राजील में कृषि क्षेत्र से संबंधित अलग-अलग एनालिसिस के लिए यूजर्स को रिमोट सेंसिंग डेटा प्रदान कर मौजूदा संरचना को और भी मजबूत बनाने का काम किया जाएगा।

तीन सैटेलाइट यूनिटीसैट्स से संबंधित : तीन भारतीय शैक्षणिक संस्थानों के संघ यूनिटीसैट्स से हैं, जिनमें श्रीपेरंबदुर में स्थित जेप्पिआर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नागपुर में स्थित जी. एच. रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग और कोयंबटूर में स्थित श्री शक्ति इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी शामिल हैं। एक का निर्माण सतीश धवन सैटेलाइट स्पेस किड्ज इंडिया द्वारा किया गया है।

अतंरिक्ष में सुधारों के नए युग की शुरुआत : लॉन्चिंग से कुछ समय पहले इसरो प्रमुख के सिवन ने कहा था कि पीएसएलवी-सी51 (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) हमारे लिए विशेष है। यह पूरे देश के लिए खास बात है। उन्होंने कहा कि इसके साथ भारत में अंतरिक्ष सुधारों के एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। सिवन ने कहा था, मुझे यकीन है कि निजी लोग इस कवायद को और आगे ले जाएंगे और पूरे देश को सेवाएं देंगे।

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