तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : मौजूदा समय में पूरे देश में एथिकल हैकिंग, साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की जानकारी रखने वाले छात्रों की काफी मांग है। कार्यस्थल पर भी कई अवसर हैं। इंटरनेट सेवा या सोशल मीडिया वर्तमान पीढ़ी के लिए संचार का एक माध्यम है और इनके बिना एक मिनट भी रहना लगभग असंभव हो जाता है। सोशल मीडिया, वॉट्सऐप ऐप्स पर रोजाना अपडेट करना कुछ लोगों की रोजमर्रा की आदत बन गई है, लेकिन अगर किसी हैकर के पास से रोजाना जरूरी जानकारी पहुंच जाए तो क्या होगा?
मूलतः विद्यासागर विश्वविद्यालय ने इस मुद्दे पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया। कार्यशाला में विद्यासागर विश्वविद्यालय के कुलपति सुशांत कुमार चक्रवर्ती, गणित विभाग के प्रमुख प्रोफेसर मधुमंगल पाल, कंप्यूटर विभाग के प्रमुख विश्वपति जाना, इंट्रुसेप्ट लैब्स के सह-संस्थापक रामकृष्ण रॉय, इंट्रुसेप्ट लैब्स प्राइवेट लिमिटेड के सह-संस्थापक सतीश कुमार,
ब्राउजस्किल प्राइवेट लिमिटेड के सह-संस्थापक अनमीत रॉय और ब्राउजस्किल प्राइवेट लिमिटेड के सह-संस्थापक विवेकानंद रॉय आदि इस कार्यशाला में उपस्थित थे। इस परिचर्चा में 150 से अधिक कंप्यूटर विज्ञान के छात्रों ने भाग लिया। विद्यासागर विश्वविद्यालय के कुलपति सुशांत कुमार चक्रवर्ती ने कहा, “यह उन लोगों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो इन मुद्दों पर अपना भविष्य बनाना चाहते हैं।
ये नए पाठ्यक्रम उनके लिए करियर के कई रास्ते खोलेंगे।” वहीं, इंट्रुसेप्ट लैब्स के सह-संस्थापक रामकृष्ण रॉय ने कहा कि साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ नौकरी पाने की क्षमता के अलावा बहुत तेजी से करियर बना सकते हैं। वे अपनी पसंद का पद खोजने के लिए विभिन्न विकल्प तलाशते हैं। इस मामले में कार्य का दायरा विस्तृत है।
इसलिए वे व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए किसी एक को चुन सकते हैं, कौशल बढ़ा सकते हैं और व्यक्तिगत दायरे का विस्तार कर सकते हैं। दोनों कंपनियों और विद्यासागर विश्वविद्यालय की संयुक्त पहल में छात्रों के बीच सूचना प्रौद्योगिकी पर विभिन्न वार्ताएं की गईं और यह संदेश भी दिया गया कि भविष्य में इस विषय का अध्ययन करके कितनी सफलता प्राप्त की जा सकती है।
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