कोलकाता । आजादी का अमृत महोत्सव एवं “अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगम” की द्वितीय स्थापना वार्षिकी के अवसर पर डॉ. भीखी प्रसाद “वीरेन्द्र” की अध्यक्षता एवं संस्था के संस्थापक महासचिव डॉ. मुन्ना लाल प्रसाद के संचालन में संस्था की ओर से समन्वित रूप से जश्न-ए-आजादी के रूप में गूगल मीट के माध्यम से एक ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
इसमें मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. मीरा सिंह, फिलाडेल्फि, अमेरिका एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में अद्यतन के संपादक प्रो. डॉ. ब्रज नंदन किशोर, पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष, डी.ए.वी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा, भारत, प्रो. डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी, दक्षिण एशियाई भाषा व संस्कृति विभाग, क्वांगतोंग विदेशी भाषा विश्वविद्यालय चीन, डॉ. शिखा रस्तोगी, हिन्दी विभागाध्यक्ष, जीआईआईएस, बैंकाक, थाइलैंड, डॉ. विनीता तिवारी, अमेरिका एवं श्री विनोद कुमार दुबे, सिंगापुर उपस्थित थे।
प्रो. डॉ. प्रवीण मणि त्रिपाठी, जम्मू के उद्घाटन गीत से यह कवि सम्मेलन आरंभ हुआ और संस्था के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र नाथ शुक्ल के धन्यवाद ज्ञापन से इसका समापन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित देश-विदेश के कवियों ने अपनी बहुरंगी कविताओं के माध्यम से राष्ट्र की आन-बान एवं शान के साथ आजादी के बाद की विविध समस्याओं को रेखांकित किया।
इसमें मुख्य रूप से शामिल कवियों में जय प्रकाश अग्रवाल, नेपाल, स्नेहलता शर्मा, लखनऊ, मनोज कुमार वर्मा, अर्चना आर्याणी, सीवान, विद्युत प्रभा चतुर्वेदी ‘मंजु’, डॉ. अलका अरोड़ा, डॉ. कमलेश शुक्ला “कीर्ति” कानपुर, डॉ. विपिन किशोर प्रसाद, प्राचार्य, रमा मेडिकल कॉलेज, कानपुर, शारदा प्रसाद दुबे, ‘शरतचंद्र’ थाणे, मुंबई, श्रीमती भावना सिंह, (भावनार्जुन) बुलंदशहर, प्रदीप कुमार ठाकुर, दिल्ली, डॉ. मनोज मिश्र, हावड़ा, अमर बानियां लोहोरो, गंगटोक, देवी प्रसाद पांडेय, ऋचा सिंह, प्रयागराज, पुतुल मिश्रा, गुंजन गुप्ता, इंद्रजीत कौर, मोहन महतो, डॉ. सुमित झा, काजल साहनी, सिलीगुड़ी।
सौरभ पांडेय, स्वर्णिम दर्पण, डॉ. शैलबाला अग्रवाल, आगरा, सीमा जैन, खड़गपुर, विनोद कुमार रजक, आसनसोल, कश्मीरा सिंह, छपरा, प्रो. विक्रम साव, नैहटी, ईश्वरचंद्र जायसवाल, संत कबीर नगर, गोरखपुर एवं डीआर महतो, रांची आदि के नाम उल्लेखनीय हैं। यह पूरा कार्यक्रम “गूगल मीट” के साथ-साथ “यूट्यूब” एवं “फेसबुक” पर लाइव प्रसारित हो रहा था जिसके माध्यम से काफी संख्या में ल़ोग जुड़े हुए थे।