भावनाओं के आकाश पर खिला भाषाओं का इंद्रधनुष
तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर । भारतीय भाषाओं में कोई विरोध नहीं बल्कि सभी परस्पर पूरक और बहनें हैं। खड़गपुर के गोलबाजार स्थित दुर्गा मंदिर के सभागार में शहर की प्रतिष्ठित सांस्कृतिक संस्था “खड़गपुर शंखमाला” के तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस समारोह से यही ध्वनि प्रस्फुटित हुई। परस्पर संवाद के लिए हर देशज भाषा को प्रमुखता से स्थान दिए जाने से उपस्थित दर्शकों की भावनाओं के आकाश पर भारतीय भाषाओं का सप्तरंगी इंद्रधनुष खिल उठा। प्रख्यात साहित्यकार कृषाणु आचार्य के कुशल मंच संचालन से शुरू हुई कार्यक्रम की श्रंखला में शंखमाला समूह की ओर से रीना धर, विवेकानंद राय, सुष्मिता बागची, नंदिता चक्रवर्ती व देवव्रत दास ने समूह गान प्रस्तुत किया।
वहीं लीना गोप, अर्णव चक्रवर्ती, स्वपना मजूमदार, चंद्राणी त्रिपाठी व देवाशीष घोषाल ने सस्वर पाठ किया। जबकि श्यामल बंद्योपाध्याय तथा सोनाली मित्रा ने स्वरचित कविता का पाठ किया। समाजसेवी दीपक कुमार दासगुप्ता, केका सिन्हा व प्रिय कुमार राय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए अपनी मातृभाषा से प्रेम के साथ ही दूसरी भाषाओं के सम्मान की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण के तौर पर शोभा हांसदा (ओलचिकी) द्वारकेश पटनायक (उड़िया), गगन चंद्र दे (संस्कृत) कल्याण मेश्राम (मराठी) लिली सोलमन (तमिल) पावनी ठक्कर (गुजराती) तारकेश ओझा (हिंदी) श्रीवाणी (तेलुगू) हरदीप सिंह (पंजाबी) तथा नीलम शर्मा ने राजस्थानी भाषा में स्वरचित कविता का पाठ किया। सभी भाषाओं के सम्मान के संकल्प के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।