नई दिल्ली। Corona in India : भारत और ब्राजील में कोरोना वायरस का नया और घातक स्ट्रेन जमकर कहर बरपा रहा है। पिछले हफ्ते भारत में जहां कोरोना से मरने वालों की तादाद 2 लाख से ज्यादा हो गई वहीं, ब्राजील में यह आंकड़ा 4 लाख से भी ऊपर पहुंच गया है। अब प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल नेचर ने अपने संपादकीय में आरोप लगाया है कि इन दोनों ही देशों ने वैज्ञानिकों की सलाह को नजरअंदाज किया, इसलिए वे अब परिणाम भुगत रहे हैं।
इस लेख में दोनों ही देशों में कोरोन संकट को राजनीतिक विफलताओं का परिणाम बताया गया है।नेचर ने लिखा कि भारत और ब्राजील में नेता या तो विफल रहे हैं, या फिर उन्होंने रिसर्चर्स की सलाह पर काम करने में ढिलाई बरती है। इससे लाखों लोगों के जीवन को सीधा-सीधा नुकसान पहुंचा है। मैगजीन ने ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो पर भी निशाना साधा। लिखा कि बोलसोनारो ने कोरोना वायरस को लगातार छोटा बुखार बताया।
उन्होंने तो मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी वैज्ञानिकों की सलाह को मानने से भी इनकार कर दिया। इस साइंस जर्नल ने अपने वर्ल्ड व्यू के एक लेख का हवाला देते हुए कहा कि भारत में पिछले साल सितंबर में दैनिक कोरोना मामलों की संख्या 96000 तक पहुंच गई थी।
इस साल मार्च की शुरुआत में जब यह संख्या घटकर 12000 प्रतिदिन तक पहुंच गई तो भारत के नेता आत्मसंतुष्ट हो गए। इस दौरान कारोबार फिर से खुल गए। बड़ी संख्या में रैलिया हुईं, जिनमें विवादास्पद नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी शामिल हैं। मार्च और अप्रैल में चुनावी रैलियां हुईं और धार्मिक आयोजन भी जारी रहे।