टारौबा। अंगकृष रघुवंशी और राज बावा की ताबड़तोड़ पारियों की बदौलत भारत ने युगांडा को अंडर 19 विश्व कप में 326 रन के विशाल अंतर से हराकर यूथ वनडे में इतिहास में दूसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज की। दोनों बल्लेबाज़ों ने क्रमश: 120 गेंदों में 144 और 108 गेंदों में 162 रनों की आतिशी पारी खेली।यही नहीं रघुवंशी और बावा के बीच तीसरे विकेट के लिए अंडर 19 विश्व कप इतिहास में सबसे ज़्यादा रनों की साझेदारी भी हुई। भारत ने 50 ओवर में पांच विकेट पर 405 रन का विशाल स्कोर बनाया और इसके बाद जब विपक्षी टीम युगांडा मैदान पर आयी तो भारतीय गेंदबाज़ों ने उन्हें सिर्फ़ 79 रनों के कुल योग पर निपटा दिया।
उल्लेखनीय है कि कोविड संक्रमण से परेशान टीम इंडिया के पास इस मैच से पहले चयन के लिए सिर्फ़ 12 खिलाड़ी उपलब्ध थे। 16 वर्षीय रघुवंशी पारी की शुरुआत से काफ़ी आक्रामक दिख रहे थे। पहले ही ओवर में उन्होंने एक शानदार कट शॉट के साथ चौका बटोरा और फिर अपने ओपनिंग पार्टनर हरनूर सिंह के साथ पहले विकेट के लिए 40 रनों की साझेदारी की। अपने पार्टनर के आउट होने के बाद भी रघुवंशी ने लगातार रन बनाना जारी रखा और 49 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया।
पहले विकेट के गिरने के बाद कप्तान निशांत सिंधु भी काफ़ी आक्रामक दिख रहे थे लेकिन वह अपनी पारी ज़्यादा लंबा नहीं खींच सके और मात्र 15 रन के निजी स्कोर पर आउट हो गए। इसके बाद राज बावा बल्लेबाज़ी करने आए और दोनों बल्लेबाज़ों ने 22.4 ओवरों तक बल्लेबाज़ी करते हुए काफ़ी तेज़ी से रन बनाए। बावा ने भले ही अपनी पारी की शुरुआती क्षणों में एक फुलटॉस गेंद को मिड विकेट के ऊपर से सिक्सर मारा लेकिन उसके बाद वह कुछ देर के लिए संयमित तरीके से खेल रहे थे।
हालांकि 21वें ओवर के बाद दोनों बल्लेबाज़ों ने अपना गियर बदल लिया और तेज़ी से रन बटोरने लगे। 22वें ओवर में रघुवंशी ने पहले 2 चौके लगाए और फिर जब बावा के हाथ स्ट्राइक लगी तो उन्होंने दो गगनचुंबी सिक्सर लगा कर आक्रमण का आहवान कर दिया। 26 वें ओवर में रघुवंशी ने गेंदबाज के बिल्कुल पास से एक शानदार ड्राइव लगात हुए चौका बटोरा और फिर दो स्वीप लगा कर एक ही ओवर में तीन चौके लगाए। 27 वें ओवर में भारत का स्कोर 2 विकेट के नुकसान पर 172 रन था।
बावा ने 28वें ओवर में लेग साइड पर छक्का लगाते हुए 44 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया और 30वें ओवर की समाप्ति तक भारत 200 रनों के पार जा चुका था। रघुवंशी ने अगले ओवर में एक शॉर्ट गेंद पर चौका लगा कर 93 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। 34वें ओवर तक दोनों बल्लेबाजों ने कम से एक चौका हर ओवर में लगा रहे थे। उस वक़्त भारत का रन रेट सात के आस-पास था और 400+ के स्कोर की संभावना दिख रही थी। इसके बाद शतक लगाने की बारी बावा की थी और उन्होंने केवल 69 गेंदों में अपना शतक पूरा किया।
इसके बाद ऐसा लगा कि दोनों बल्लेबाज़ हर गेंद पर बाउंड्री बटोरने का प्रयास कर रहे हैं। 38वें ओवर में रघुवंशी ने पहले एक सिक्सर और दो चौके लगाए, इसके बाद लेग साइड में एक और बड़ा शॉट लगाने के चक्कर में कीपर को कैच दे बैठे। हालांकि बावा रुकने वाले नहीं थे, और उन्होंने 40वें ओवर में एक्सट्रा कवर के ऊपर से एक सिक्सर लगा कर भारत के स्कोर को 300 के पार पहुंचा दिया। वह आसानी से बाउंड्री ढूंढते रहे और 101 गेंदों में 150 के स्कोर पर पहुंच गए।
अंत में भारत ने 405 रनों के पहाड़ जैसे स्कोर तक पहुंच गया। युगांडा के लिए लक्ष्य का पीछा करना बिल्कुल भी आसान नहीं रहा। उनके छह बल्लेबाज़ शून्य के स्कोर पर आउट हो गए। राजवर्धन हगांरगेकर और स्टैंड-इन कप्तान निशांत सिंधु ने युगांडा के शीर्ष क्रम को धराशाई कर दिया। मैच से कुछ घंटे पहले भारत की टीम में शामिल हुए विक्की ओस्तवाल और वासु वत्स ने एक-एक विकेट लिया। भारत का अगला मुकाबला क्वार्टर फ़ाइनल में बांग्लादेश से होगा।