इस साल बीटिंग द रिट्रीट में गूंजेगी ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ की धुन

नयी दिल्ली। इस वर्ष के बीटिंग रिट्रीट समारोह देश भक्ति से ओतप्रोत गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ की धुन गूंजेगी। भारत-चीन के बीच 1962 में हुए युद्ध के बलिदानियों की याद में कवि प्रदीप के लिखे इस गीत को स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने स्वरबद्ध किया है। भारतीय सेना की ओर जारी विवरणिका के मुताबिक इस साल के बीटिंग द रिट्रीट में सिर्फ और सिर्फ भारतीय धुनें ही बजायी जाएंगी। सेना की विवरणिका (ब्रोशर) में बताया गया है कि 29 जनवरी को विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में इस साल 26 धुनें बजाई जाएंगी।

इनमें ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ के साथ ही ‘हे कांचा’, ‘चन्ना बिलौरी’, ‘जय जनम भूमि’, ‘हिंद की सेना’ और ‘कदम कदम बढ़ाए जा’ जैसे गीत शामिल हैं। बीटिंग रिट्रीट समारोह में 44 बिगुल वादक, 16 तुरही बजाने वाले और 75 ढोल वादक भाग लेंगे। उधर, सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस वर्ष देश ऐतिहासिक आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इसलिए बीटिंग द रिट्रीट में सिर्फ और सिर्फ भारतीय धुनों को बजाना ही अधिक उपयुक्त माना गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार और सेना बीटिंग द रिट्रीट में अधिकतम संख्या में भारतीय धुनों को शामिल करना चाहती है। इसी वजह से इस साल सिर्फ भारतीय मूल/स्वदेशी धुनें ही सूची में हैं। सरकार का कहना है कि इस बार बीटिंग रिट्रीट समारोह में महात्मा गांधी के पसंदीदा गीतों में से एक ‘अबाइड विद मी’ को नहीं रखा गया है। इस गीत को स्काटलैंड के कवि एवं गायक हेनरी फ्रांसिस लिटे ने 1847 में लिखा था। यह गीत 1950 से ही बीटिंग रिट्रीट में बजता आ रहा है।

इस गीत को 2020 में भी बीटिंग रिट्रीट समारोह से हटाने की कोशिश की गई थी, लेकिन हंगामा होने के बाद इसे शामिल कर लिया गया था। उल्लेखनीय है कि बीटिंग रिट्रीट सप्ताह भर चलने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के समापन का प्रतीक है। इस दौरान राष्ट्रपति सेनाओं को अपनी बैरकों में लौटने की इजाजत देते हैं। इसी के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हो जाता है। गणतंत्र दिवस से संबंधित समारोह पहले 24 जनवरी से शुरू होता था, लेकिन इस साल से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती यानी 23 जनवरी से इसकी शुरुआत होगी। इस साल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *