New Election Commissioner Gyanesh Kumar and Sukhbir Singh Sandhu took charge

भारतीय चुनाव के उच्चतम मानकों व पारदर्शिता पर पूरी दुनियां में भारत की गूंज

भारतीय चुनाव प्रणाली की बारीकियों, सर्वोत्तम प्रथाओं का अवलोकन करने, दुनियां के चुनाव प्रबंधन निकायों के प्रतिनिधि पहुंचे
भारतीय चुनाव के सर्वोत्तम परिदृश्य को देखने 23 देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों के 75 प्रतिनिधियों का भारत आना कद व प्रतिष्ठा में चार चांद- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर पूरी दुनियां की टक-टकी नजरें भारत में हो रहे चुनावी महापर्व लोकसभा चुनाव 2024 पर लगी हुई है। हालांकि दो चरण 19 व 26 अप्रैल 2024 पूर्ण हो चुके हैं, तीसरे चरण 7 मई, चौथे चरण 13, पांचवा चरण 20 व छठवां चरण 25 मई 2024 का नोटिफिकेशन इशू होकर तैयारियां शुरू है, जिसमें दिल्ली की 7 सीटों पर सबकी नजरें लगी हुई है। जिस पर अति हाई लेवल पर जनता की जिज्ञासा टिकी हुई है, क्योंकि इसमें एक पार्टी का भविष्य की सहानुभूति से जुड़ा है, जिस पर पूरी दुनियां की नजरें लगी है फिर भी भारत दुनियां का सबसे बड़ा व चुनावी प्रणालियों की बारीकियां, सटीक प्रथाओं उच्चतम मानकों व पारदर्शिता का गढ़ है। इसीलिए ही भारतीय चुनाव आयोग की पूरी दुनियां में धाक है, जिसका सटीक उदाहरण दिनांक 4 से 9 मई 2024 तक दुनियां के चुनाव प्रबंधन निकायों के 23 देशो के 75 प्रतिनिधि भारत पहुंचे हैं या पहुंच रहे हैं जो भारत की प्रतिष्ठा में चार चांद लगने के बराबर है, जिसे हर भारतीय को गौरवान्वित होकर रेखांकित करना जरूरी है।Bengal government should appoint Sanjay Mukherjee as DGP: Election Commission

देश में पहला चुनाव 1951 में हुआ था और इस बार 2024 में 73 साल गुजर चुके हैं 18वीं लोकसभा का चुनाव हो रहा है। इस लंबी अवधि से भारत के राजनीतिक नजारों में बेहद परिवर्तन हो चुका है कई नए राज्य बन गए हैं तो कई नई लोकसभा, विधानसभा सीटें बन गई है और आगे भी बढ़ेगी जिसे देखते हुए नया संसद भवन, सदस्यों की विशाल कैपेसिटी को देखते हुए बनाया गया है, तो चुनाव आयोग भी समय-समय पर अनेक परिवर्तन संशोधन पारिस्थितिकी तंत्र परिस्थितियों के अनुसार अपने आप को ढालते हुए आज विश्व पटल पर एक सफल चुनाव आयोग की अपनी प्रतिष्ठा कायम रखे हुए हैं, जिसे देखने दुनिया के अनेक देश भारत आए हैं और उनके द्वारा कुछ गुण वहां से उठाकर अपने देश में लागू करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। चूंकि भारतीय चुनाव प्रणाली की बारीकियों, सर्वोत्तम प्रथाओं का अवलोकन करने दुनियां के चुनाव प्रबंधन निकायों के प्रतिनिधि भारत पहुंचे हैं, इसलिए आज हम मीडिया उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, भारतीय चुनाव आयोग के उच्चतम मानकों व पारदर्शिता की पूरी दुनियां में भारत की गूंज है।

साथियों बात अगर हम 23 देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों के 75 प्रतिनिधियों के भारत पहुंचने की करें तो, भारत के चुनाव आयोग ने दुनियां के सबसे बड़े चुनावों को देखने के लिए 23 देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों (ईएमबी) से 75 अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों को आमंत्रित किया है। चुनाव आयोग ने कहा कि यह अभ्यास भागीदारी के पैमाने और परिमाण के मामले में पहला है। आमंत्रित प्रतिनिधि 23 देशों – भूटान, मंगोलिया, ऑस्ट्रेलिया, मेडागास्कर, फिजी, किर्गिज गणराज्य, रूस, मोल्दोवा, ट्यूनीशिया, सेशेल्स, कंबोडिया, नेपाल, फिलीपींस, श्रीलंका, जिम्बाब्वे, बांग्लादेश, कजाकिस्तान, जॉर्जिया के विभिन्न ईएमबी और संगठनों का प्रतिनिधित्व करते हैं। चिली, उज़्बेकिस्तान, मालदीव, पापुआ न्यू गिनी और नामीबिया हैं। इन 23 देशों के साथ इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (आईएफईएस) के सदस्य और भूटान और इजराइल की मीडिया टीमें भी भाग लेंगी। भारत के चुनावी निकाय ने कहा कि यह उच्चतम मानकों के आम चुनाव कराने की अपनी प्रतिबद्धता का उदाहरण देता है, जो ईएमबी के लिए लोकतांत्रिक उत्कृष्टता को प्रत्यक्ष रूप से देखने के लिए एक स्वर्णिम पुल की पेशकश करता है।

ईसीआई ने एक बयान में कहा, भारत का चुनाव आयोग मौजूदा लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान इलेक्शन विजिटर्स प्रोग्राम (आईईवीपी) आयोजित करके अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना जारी रख रहा है। ईसीआई ने कहा कि यह कार्यक्रम 4 मई से शुरू हो रहा है, जिसका उद्देश्य विदेशी ईएमबी को भारत की चुनावी प्रणाली की बारीकियों के साथ-साथ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र द्वारा उपयोग की जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं से परिचित कराना है। मुख्य चुनाव आयुक्त, दोनों चुनाव आयुक्त 5 मई को प्रतिनिधियों को संबोधित किया। इसके बाद प्रतिनिधि छह राज्यों- महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान और संबंधित तैयारियों का निरीक्षण करने के लिए छोटे समूहों में निकले। कार्यक्रम का समापन 9 मई को होगा। चल रहे लोकसभा चुनाव जो 19 अप्रैल को शुरू हुए और सात चरणों में आयोजित किए जा रहे हैं, 1 जून को समाप्त होंगे और 4 जून को वोटों की गिनती होगी।

साथियों बात अगर हम छठवें चरण के चुनाव की करें तो छठवें चरण की नामांकन प्रक्रिया सोमवार यानी 29 अप्रैल से शुरू हो चुकी है 6 मई नामांकन दाखिल करने की आखिरी तिथि है। सात मई को नामांकन पत्रों की समीक्षा होगी। प्रत्याशी नौ मई को नामांकन वापस ले सकते हैं। सात राज्यों की 57 लोकसभा सीटों पर 25 मई को मतदान होगा। हरियाणा और दिल्ली की सभी सीटों पर इसी चरण में मतदान संपन्न हो जाएगा। दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीटों पर चुनाव इसी चरण में है। चांदनी चौक, उत्तरी-पूर्व दिल्ली, पूर्व दिल्ली, नई दिल्ली, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली, पश्चिम दिल्ली और दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट पर नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। चुनावी अखंडता और पारदर्शिता के प्रतीक के रूप में, निर्वाचन आयोग वैश्विक चुनाव प्रबंधन निकायों (ईएमबी) को भारत में लोकतांत्रिक उत्कृष्टता को प्रथम दृष्टया देखने की पेशकश करते हुए देश में उच्चतम मानकों के साथ आम चुनाव कराने की अपनी प्रतिबद्धता का उदाहरण देता है। निर्वाचन आयोग चल रहे लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान इंटरनेशनल इलेक्शन विजिटर्स प्रोग्राम (आईईवीपी) के आयोजन के माध्यम से लगातार अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दे रहा है।

साथियों बात अगर हम पहले लोकसभा चुनाव 1951-52 से 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव 2024 तक सफर की करें तो पहले आम चुनाव से अब तक इतना बदल गया देश का सियासी मैप, मध्य भारत, विंध्य प्रदेश, सौराष्ट्र, बॉम्बे, मद्रास, हैदराबाद, पीईपीएसयू, कच्छ, कुर्ग, बिलासपुर, भोपाल, अजमेर, देश के ये शहर और रियासत कभी राज्य हुआ करते थे।राज्य पुनर्गठन आयोग बनने और उसकी सिफारिशों के आधार पर देश के मौजूदा राजनीतिक नक्शे के सामने आने से पहले भारत इन्हीं रियासतों-राज्यों में बंटा था। देश के पहले आम चुनाव से लेकर अब तक 73 साल गुजर चुके हैं। इस बार 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव हो रहा है। इस लंबी अवधि में भारत के राजनीतिक नक्शे में आमूल चूल बदलाव आया है, कि कभी भारत में भोपाल, बॉम्बे, अजमेर और मद्रास राज्य हुआ करते थे। समय के साथ इन राज्यों की पहचान बदल गई और ये राज्य आज दूसरी पहचान के साथ वजूद में हैं। भारत के राजनीतिक मानचित्र पर नए राज्यों का उदय हुआ है। पुराने राज्य आकार में छोटे हो गए हैं। लोकसभा की नई सीटें बनी हैं, तो कई पुरानी सीटों का वजूद ही खत्म हो गया है। यही नहीं चुनाव की प्रक्रिया में भी बदलाव आया है।

आजादी के बाद हुए कुछ चुनाव में एक ही लोकसभा सीट से दो-दो सांसद चुने जाते थे। लेकिन सुधार और बदलाव की प्रक्रिया से गुजरता हुआ भारत का लोकतंत्र अब एक सीट से एक ही सांसद पार्लियामेंट भेजता है। 1951 के बाद विंध्य प्रदेश और मध्य भारत को मिलाकर सिर्फ मध्य प्रदेश कर दिया गया। बाद में मध्य प्रदेश से भी अलग कर एक नया राज्य बनाया गया, जो आज छत्तीसगढ़ है। बॉम्बे एक ऐसा राज्य था, जिसमें वर्तमान के गुजरात और महाराष्ट्र की कई लोकसभा सीट थीं। सूरत, बडोदरा, पुणे, जलगांव, सोलापुर, रत्नागिरी, बॉम्बे सिटी (मुंबई), ऐसी कई लोकसभा सीटों को मिलाकर बॉम्बे स्टेट का गठन हुआ था। इस राज्य में कुल 37 लोकसभा सीट हुआ करती थीं। उस वक्त गुजरात और महाराष्ट्र अस्तित्व में नहीं आए थे पंजाब और हिमाचल प्रदेश पीईपीएसयू यानी पटियाला और ईस्ट पंजाब स्टेट्स यूनियन, इस प्रदेश में कुल चार लोकसभा सीट थी, वहीं 1951 के पंजाब में कुल 15 लोकसभा सीट थीं। इस तरह उस वक्त केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना का अस्तित्व ही नहीं था।

जब एक सीट से चुने जाते थे दो सांसद : आजकल एक सीट से एक ही सांसद का चुनाव होता है। लेकिन जब देश 1951-52 में पहली बार लोकतांत्रिक प्रक्रिया से गुजरा तो कुछ सीटें ऐसी थीं जहां एक ही सीट से दो सांसद चुनने का प्रावधान था। पहले दो चुनावों तक ये नियम कायम रहा। 1951-52 के चुनाव में कुल 89 लोकसभा सीटों से 2-2 सांसद जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। इनमें से एक सांसद जनरल कैटेगरी का था तो दूसरा सांसद अनुसूचित जाति का था। 1957 में जब दूसरी बार लोकसभा चुनाव हुआ तो यहां 91 सीटें ऐसी थी जहां से दो-दो सांसदों का चुनाव हुआ। दरअसल समाज के कमजोर तबके को प्रतिनिधित्व देने के लिए एक सीट पर दो-दो सांसदों का फॉर्मूला अपनाया गया था। इस दौरान एक मतदाता को वो वोटर देने का अधिकार था। तीसरे लोकसभा चुनाव से इस व्यवस्था को बंद कर दिया गया।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारतीय चुनाव के उच्चतम मानकों व पारदर्शिता पर पूरी दुनियां में भारत की गूंज भारतीय चुनाव प्रणाली की बारीकियों सर्वोत्तम प्रथाओं का अवलोकन करने, दुनिया के चुनाव प्रबंधन निकायों के प्रतिनिधि पहुंचे। भारतीय चुनाव के सर्वोत्तम परिदृश्य को देखने 23 देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों के 75 प्रतिनिधियों का भारत आना कद व प्रतिष्ठा में चार चांद लगना है।

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