नयी दिल्ली: भारत और ब्रिटेन ने सोमवार को दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को शीघ्र अंतिम रूप देने को लेकर प्रतिबद्धता जतायी। ब्रिटेन के वित्त मंत्री जेरेमी हंट के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि दोनों पक्ष मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता में तेजी से आगे बढ़ने को इच्छुक हैं। 12वीं भारत-ब्रिटेन आर्थिक एवं वित्तीय वार्ता के समापन पर उन्होंने कहा, ” निश्चित रूप से एफटीए पर कुछ चर्चा हुई है…दोनों पक्षों के लिए मुख्य बात यह है कि इसे जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा।”
हंट ने लंदन स्टॉक एक्सचेंज (एलएसई) में भारतीय कंपनियों को सीधे सूचीबद्ध किए जाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, ”भारत ने कहा है कि वह भारतीय कंपनियों को सीधे सूचीबद्ध किए जाने के लिए एलएसई को एक अंतरराष्ट्रीय गंतव्य के रूप में तलाशेगा। हम इस दिशा में एक बड़ा कदम आगे बढ़ाकर प्रसन्न हैं।”
हंट ने कहा, ” इसके साथ-साथ एक नई पेंशन तथा बीमा साझेदारी, ज्ञान एवं विशेषज्ञता-साझा करने के लिए मंच की स्थापना और नए ब्रिटेन इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग ब्रिज तथा विकासात्मक गिफ्ट सिटी पर एक मजबूत साझेदारी है। इसलिए, हम वास्तव में संबंध मजबूत करने के लिए एक-दूसरे की योजनाओं का समर्थन कर सकते हैं। इसका अगला कदम एक व्यापक एफटीए और द्विपक्षीय निवेश संधि है।”
सीतारमण ने कहा कि कृत्रिम मेधा,मशीन लर्निंग जैसी उभरती प्रौद्योगिकियां और भारत का नया डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण अधिनियम दोनों देशों को सुरक्षित तथा समावेशी वित्त मध्यस्थता के लिए सहयोग के पर्याप्त अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा, ” इंडिया-यूके ग्रीन ग्रोथ इक्विटी फंड की सफलता बड़े पैमाने पर भरोसेमंद वित्त को बढ़ावा देने में सार्वजनिक-निजी भागीदारी की प्रभावकारिता को दर्शाती है।”