विधानसभा में हुमायूं कबीर ने फिर किया पार्टी को मुश्किल में डालने वाला सवाल, शिक्षा नीति पर मांगा जवाब

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर ने मंगलवार को एक बार फिर राज्य विधानसभा में ऐसा सवाल पूछा है जिससे उनकी पार्टी असहज हो गई है। इस बार उन्होंने राज्य की शिक्षा नीति को लेकर जवाब तलब किया है। हालांकि इस बार उन्हें अपनी ही पार्टी के एक और विधायक और मंत्री अरूप विश्वास का साथ मिला है। इसके पहले गत शुक्रवार को उन्होंने राज्य विधानसभा में अपना पक्ष रखते हुए मुस्लिम महिलाओं को भी लक्ष्मी भंडार योजना के तहत एक एक हजार रुपये देने की मांग की थी। इसकी वजह से पूर्व आईपीएस हुमायूं कबीर से तृणमूल कांग्रेस से जवाब तलब किया है।

इससे बाद मंगलवार को उन्होंने पूछा है कि केंद्रीय सरकार ने जो नई शिक्षा नीति की घोषणा की है क्या उसे राज्य के विश्वविद्यालयों में लागू किया जा रहा है? अगर किया जा रहा है तो कैसे किया जा रहा है। उन्होंने दूसरा सवाल पूछा कि उन्हें अखबारों के जरिए पता चला है राज्य के प्रीमियम इंस्टिट्यूट जैसे बेथुन सहित अन्य कॉलेजों में सीट अभी भी खाली हैं। ऐसा क्यों हुआ है? क्या केंद्रीय काउंसलिंग की वजह से हुआ है। उनके सवाल के बाद कुछ देर के लिए असहज स्थिति जरूर बन गई थी लेकिन बाद में पता चला कि उन्होंने अपनी पार्टी से मशविरा करने के बाद ही यह सवाल पूछा था।

इसका जवाब भी शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र की नई शिक्षा नीति को लागू नहीं किया है। इसमें कई तरह के विषय हैं। इसमें से एक अंश चार साल के डिग्री कोर्स का है। हम लोगों ने केवल उसी को स्वीकार किया है। अगर हम लोग इसे स्वीकार नहीं करते तो पूरे देश में इसके लागू होने की वजह से छात्र-छात्राओं को मुश्किल में पड़ना पड़ता है।

उन्होंने वाम मोर्चा सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने जबरदस्ती स्कूलों से अंग्रेजी खत्म कर दी थी। जिससे छात्र-छात्राएं काफी मुश्किल में पड़े थे। इसलिए हम लोग ऐसा नहीं करना चाहते हैं। इसके अलावा कॉलेजों में सीट खाली रहने को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि कॉलेज स्वायत हैं और वह अपनी नीति के मुताबिक भर्ती ले रहे हैं। इनमें केंद्रीकृत व्यवस्था के तौर पर भर्ती नहीं हुई है।

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