वाराणसी। भारतीय सनातन संस्कृति में सभी व्रतों में श्रेष्ठ एकादशी व्रत को बताया गया है। भगवान श्री कृष्ण गीता जी और भागवत जी के माध्यम से बताते है की प्रत्येक नर नारी को एकादशी व्रत अवश्य करना चाहिए। चैत्र के महीने में पूजा उपासना करने का विशेष महत्व व लाभ है इस महीने की एकादशी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। एकादशी के व्रत से मन और शरीर दोनों ही संतुलित रहते हैं खासतौर से गंभीर रोगों से रक्षा होती है। और अपने तमाम मन की कामनाओं की पूर्ति करने के लिए चैत महीने की कामदा एकादशी का विशेष महत्व है।
इस दिन प्रातः काल उठकर के स्नान करके भगवान सूर्य को अर्घ्य दे और भगवान कृष्ण की आराधना करें उन्हें पीले फूल पंचामृत और तुलसीदल अर्पित करें। भगवान कृष्ण का ध्यान करें उनके मंत्रों का जप करें अगर आप कामदा एकादशी का पूर्ण लाभ लेना चाहते हैं। सायंकाल में भगवान कृष्ण की जितनी पूजा उपासना करेंगे उतना ही आपको फल की प्राप्ति होगी।
जो लोग किसी कारण वश उपवास नहीं रख सकते बीमारियों के कारण स्वास्थ्य के कारण तो उन्हे बिना लहसुन प्याज का सात्विक भोजन कराये। एकादशी को चावल न खाए और दोनों बेला में भगवान कृष्ण की भक्ति पूजा करें उनको भी एकादशी का फल अवश्य प्राप्त होंगे।
ज्योतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848