वाराणसी। श्रीगणेश उत्सव जोर-शोर से मनाया जा रहा है। मंगलवार 19 सितम्बर श्रीगणेश चतुर्थी के दिन जिस जोश से लोगों ने गणपति जी को अपने घर एवं अन्य स्थानों में विराजमान किया था, अब गणपति बप्पा की विदाई का वक्त भी पास है। श्रीगणेश जी के कुछ भक्त गणेश जी को अपने घर में 1 दिन, 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन 9 दिन और 10 दिन रखते हैं।
अनंत चतुर्दशी 28 सितंबर गुरूवार को लोग श्रीगणेश जी का विसर्जन करेंगे। श्रीगणेश जी के भक्त अपने घर धूमधाम से गणेश जी को लेकर आते हैं और 10 दिन अपने साथ रखकर उतनी ही धूमधाम से अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणपति की विदाई करते हैं।
श्रीगणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है : दिनांक 28 सितम्बर 2023 गुरूवार अनंत चतुर्दशी के दिन शाम 06 बजकर 50 मिनट के पहले श्रीगणेश जी विसर्जन करें, क्योंकि 28 सितम्बर गुरूवार के दिन शाम 06 बजकर 50 मिनट पर भद्रा काल शुरू होगा,इस दिन भद्रा कुम्भ राशि की है, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कर्क, सिंह, कुम्भ एवं मीन राशि में चंद्रमा रहते हैं तो भद्रा का निवास मृत्युलोक में होता है मृत्युलोक की भद्रा में शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। गुरुवार 28 सितंबर को भद्रा मृत्युलोक की है।
श्री गणेश प्रतिमा की बिदाई इस प्रकार करें : श्रीगणेश जी को जिस दिन विदा करना है, उस दिन उनका पूजन और आरती करें और श्रीगणेश जी को लड्डू का भोग लगाएं और प्रसाद श्रीगणेश जी के भक्तों को बांटें। भगवान गणपति को विसर्जित करने से पहले एक बार फिर आरती करें। ध्यान रहे कि श्रीगणेश जी की प्रतिमा को पानी में फेंका नहीं जाता, उन्हें आदर के साथ समस्त सामग्री के साथ धीरे-धीरे विसर्जित किया जाता है।
ज्योर्तिविद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
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