गैरकानूनी नियुक्त हुए और 143 प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी होगी रद, तत्काल प्रभाव से वेतन रोकने का आदेश

कोलकाता । कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को एक बार फिर गैरकानूनी तरीके से नियुक्त हुए 143 प्राथमिक शिक्षकों का वेतन तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही इनकी नौकरी रद्द करने की प्रक्रिया शुरू करने को भी कहा है। न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली की एकल पीठ ने यह आदेश दिया है। दरअसल 146 प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी रद्द करने का आदेश  हाईकोर्ट ने पहले ही दिया था लेकिन इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। वहां से उन्हें एक बार फिर वापस हाईकोर्ट भेज दिया गया था। इसी मामले की सुनवाई बुधवार को एक बार फिर हुई। न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली ने याचिकाकर्ताओं के दस्तावेजों की जांच की और 143 लोगों की नौकरी रद्द करने का आदेश दिया है।

इन सभी का वेतन तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश भी उन्होंने दिया है। बाकी जो तीन लोग हैं उनमें से दो लोगों की नौकरी बहाल रखने का आदेश दिया गया है जबकि एक अन्य के दस्तावेजों के नए सिरे से जांच के आदेश कोर्ट ने दिया है। इसके पहले दिसंबर महीने में 53 प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी रद्द करने का आदेश कोर्ट ने दिया था। अब कुल मिलाकर 196 लोगों की नौकरी रद्द की जाएगी। जिन 53 लोगों की नौकरी रद्द करने का आदेश पहले जारी किया था इन्होंने भी कोर्ट में पुनर्विचार याचिका लगाई है जिस पर गुरुवार को न्यायमूर्ति गांगुली ही सुनवाई करेंगे।

कोर्ट ने खारिज की कल्याणमय‌ की जमानत याचिका, सीबीआई से पूछा : कितने दिन जेल में रखेंगे

कोलकाता । राज्य के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार माध्यमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली को बुधवार को हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिली। हालांकि कोर्ट ने सीबीआई से यह भी पूछा है कि उन्हें और कितने दिनों तक जेल में बंद रखा जाएगा? न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची और अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने बुधवार को जमानत की याचिका खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल कल्याणमय को जमानत नहीं मिलेगी।

गुरुवार को इस संबंध में एक बार फिर सुनवाई होगी। गत 13 दिसंबर को उन्होंने कलकत्ता हाई कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। इस संबंध में कोर्ट ने सीबीआई से जवाब मांगा था। केंद्रीय एजेंसी की ओर से गत 22 दिसंबर को जवाब दाखिल किया गया था लेकिन न्यायालय ने उस पर असंतोष जाहिर किया था। इसके बाद जब बुधवार को मामले की सुनवाई हुई तो न्यायमूर्ति बागची ने सीबीआई को परामर्श देते हुए कहा कि नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में जो भी हुआ है उसकी जांच होनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि कल्याणमय गांगुली इस मामले में गिरफ्तारी के बाद पिछले 113 दिनों से जेल में हैं। उनके खिलाफ चार्जशीट पेश किया गया है। उनकी जमानत के पक्ष में तर्क रख रहे वकील ने बताया कि उनकी सेहत ठीक नहीं है। इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि नियुक्ति सलाहकार समिति के सदस्य शांति प्रसाद सिन्हा थे। उन्हीं की सिफारिश के मुताबिक नियुक्ति हुई थी इसलिए कल्याणमय गांगुली की भूमिका इसमें बहुत अधिक नहीं है। इसके जवाब में सीबीआई ने बताया है कि पैनल की मियाद खत्म हो जाने के बावजूद भी बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को नियुक्त किया गया जिन्होंने या तो परीक्षा नहीं दी या पास ही नहीं हुए। इसमें कल्याणमय की भी भूमिका बड़ी रही है।

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