Kolkata Hindi News, कोलकाता : भारत के प्रमुख शैक्षिक संस्थान आईआईटी खड़गपुर ने देश के सबसे बड़े स्टेनलेस स्टील निर्माता जिंदल स्टेनलेस के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए, जो धातुकर्म (मेटलर्जिकल) अनुसंधान एवं विकास की प्रगति में एक महत्वपूर्ण क्षण है।
उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए जिंदल स्टेनलेस और आईआईटी खड़गपुर प्रक्रिया अनुकूलन, सामग्री विश्लेषण और आधारभूत मिश्रित धातु के निर्माण जैसी धातुकर्म परियोजनाओं के लिए मिलकर काम करेंगे।
यह रणनीतिक सहयोग धातु विज्ञान में एक महत्वपूर्ण कदम है और अभूतपूर्व प्रगति व नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रतीक है। दोनों संस्थान सार्थक प्रगति के लिए अपनी विशेषज्ञताओं का लाभ उठाकर उद्योग के विकास में योगदान कर रहे हैं।
इस अवसर पर, आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रोफेसर वीरेंद्र के तिवारी ने कहा, “जिंदल स्टेनलेस के साथ यह समझौता औद्योगिक-अकादमिक क्षेत्र में सहयोग से जुड़ी एक और उपलब्धि है।
हमारा लक्ष्य भारत के सबसे बड़े स्टेनलेस स्टील निर्माता जिंदल स्टेनलेस के उद्योग अनुभव के साथ आईआईटी खड़गपुर की शैक्षणिक विशेषज्ञता को जोड़कर धातु विज्ञान के क्षेत्र में गंभीर चुनौतियों का समाधान करना और नए अवसर तलाशना है।
आईआईटी केजीपी तकनीकी और परिचालन समाधान पेश करने के लिए तैयार है। साथ ही हम नवाचार की सीमाओं से आगे बढ़ने, परिवर्तनकारी साधनों को बढ़ावा देने और विकसित भारत 2047 दृष्टिकोण के तहत अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) को बढ़ावा देकर स्टेनलेस स्टील प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता के एक नए युग की शुरुआत की कल्पना करते हैं।
औद्योगिक विशेषज्ञों के साथ हुआ यह समझौता वैश्विक विनिर्माण उद्योग में भारत की स्थिति निर्धारित करेगा और बड़े पैमाने पर आईआईटी खड़गपुर व देश के दृष्टिकोण और मिशन में योगदान देगा।”
समझौते पर टिप्पणी करते हुए जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक, श्री अभ्युदय जिंदल ने कहा, “हम भारत के सबसे पुराने और अग्रणी शिक्षण संस्थानों में शुमार आईआईटी खड़गपुर के साथ यह सहयोगात्मक यात्रा शुरू करने को लेकर उत्सुक हैं।
यह साझेदारी हमें धातु विज्ञान में अत्याधुनिक अनुसंधान का उपयोग करते हुए ऐसे ठोस साधनों के विकास में सक्षम बनाएगी जिनसे उद्योग और समाज को बड़े पैमाने पर लाभ होगा।
यह एमओयू स्टेनलेस स्टील प्रौद्योगिकी के मार्ग को आकार देने, उद्योग में पर्याप्त प्रगति करने और आत्मनिर्भर भारत के हमारे सामूहिक प्रयासों में योगदान देने की हमारी प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।”
आईआईटी खड़गपुर के परिसर में हुए हस्ताक्षर कार्यक्रम में आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रोफेसर वीरेंद्र के तिवारी, डीन (अनुसंधान एवं विकास) प्रोफेसर रिंटू बनर्जी, बीटीबीएस डीन व धातुकर्म विभाग के प्रमुख प्रोफेसर शिव ब्रत सिंह, और आईआईटी खड़गपुर में धातुकर्म विभाग से प्रोफेसर मानस पालीवाल उपस्थित थे।
इस अवसर पर जिंदल स्टेनलेस की जाजपुर इकाई के प्रमुख श्री दीपक अग्रवाल, व्यवसाय प्रमुख (फेज-1) एवं मुख्य धातुकर्मी श्री अवनींद्र के सिंह, अनुसंधान एवं विकास प्रमुख श्री दैतरी कमिला भी मौजूद थे। जिंदल स्टेनलेस के सीएचआरओ सुशील बवेजा ने ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम में भाग लिया।
एमओयू की शर्तों के तहत, आईआईटी खड़गपुर जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड में उत्पादकता बढ़ाने और प्रक्रिया में सुधार के लिए तकनीकी परामर्श प्रदान करेगा और शैक्षणिक व औद्योगिक अनुसंधान में शामिल होगा।
वे प्रयोगशाला-स्तर पर प्रयोग, सामग्री विश्लेषण और मॉडलिंग व सिमुलेशन अध्ययन में सहयोग करेंगे। टिकाऊ धातुकर्म तौर-तरीकों के लिए अपशिष्ट कटौती, पुनर्चक्रण और जल संरक्षण के महत्व पर जोर दिया जाएगा।
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