अच्छे से काम करें तो यूं भटकना नहीं पड़ेगा, दीदी के दूत कार्यक्रम में गये विधायक को मिली नसीहत

अलीपुरद्वार। अच्छे से काम करें तो यूं भटकना नहीं पड़ेगा, दीदी के दूत कार्यक्रम में गये विधायक सुमन कांजिलाल को इलाके की एक बुजुर्ग महिला ने यह नसीहत दी। उल्लेखनीय है कि अलीपुरद्वार 1 ब्लॉक के विवेकानंद 1 ग्राम पंचायत क्षेत्र में रविवार की सुबह दीदी दूत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अलीपुरद्वार के विधायक सुमन कांजीलाल, ब्लॉक 1 तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष पीयूष कांति रॉय, जिला तृणमूल कांग्रेस के महासचिव भास्कर मजुमदार और तृणमूल छात्र परिषद के जिला अध्यक्ष समीर घोष सहित अन्य शीर्ष नेता उपस्थित थे।

हालांकि, भले ही दीदी के राजदूत कार्यक्रम की घोषणा पहले ही कर दी गई थी, लेकिन आज के कार्यक्रम में स्थानीय ग्राम पंचायत के मुखिया नहीं पहुंचे। बताया जाता है कि विधायक सुमन कांजीलाल ने विवेकानंद जोन 1 ग्राम पंचायत क्षेत्र में दीदी के दूत कार्यक्रम में जाकर क्षेत्र के नागरिकों से बात की और उनके क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं की जानकारी ली। स्थानीय ग्रामीणों ने क्षेत्र के निवासियों की विभिन्न समस्याओं को भी दीदी के दूतों के समक्ष रखा।

विधायक ने सभी समस्याओं को अपनी नोटबुक में दर्ज किया और सभी समस्याओं का शीघ्र समाधान करने का आश्वासन भी दिया। उस समय इलाके की एक बुजुर्ग महिला ने सुमन कांजीलाल को अच्छा काम करने की सलाह दी। उन्होंने विधायक से कहा कि ठीक से करोगे तो इस तरह घर-घर नहीं जाना पड़ेगा। लोग आपको अपने आप आशीर्वाद देंगे।

विभिन्न मांगों को लेकर भाजपा के कालचीनी मंडल 1 ने जयगांव विकास कार्यालय के सामने दिया धरना

अलीपुरद्वार। विभिन्न मांगों को लेकर रविवार को भाजपा के कालचीनी मंडल 1 द्वारा जयगांव विकास कार्यालय के सामने धरना दिया गया। हर साल मानसून के दौरान जयगांव में बाढ़ की स्थिति हो जाती है, कई घर नदी में बह जाते हैं। इसे लेकर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। बारिश से पहले जयगांव क्षेत्र के समग्र विकास की मांग समेत कई मांगों को लेकर यह धरना प्रदर्शन किया गया।

भाजपा नेताओं ने कहा कि धरना सोमवार को भी जारी रहेगा। भाजपा के कालचीनी नंबर 1 मंडल के अध्यक्ष राजेश छेत्री ने कहा कि हर साल मानसून के दौरान जयगांव में बाढ़ आ जाती है। दलसिंगपाड़ा और छोटी झुग्गी बस्तियों में तोर्शा नदी के बांध टूटने से काफी जमीन और घर बह गए। लेकिन बारिश से पहले सूखे के मौसम में बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन कोई पहल नहीं करता है।

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