वाराणसी । नवरात्रि के दौरान कई सारी छोटी-छोटी बातें होती है जिन्हें जरूर ध्यान रखना होता है। इस बात का भी ख्याल रखना जरूरी होता है कि माता रानी का अपमान नहीं हो। 9 दिन तक माता रानी का पूरा ख्याल रखा जाता है और विशेष देखभाल की जाती है। 9 दिन फलाहार तो करते ही हैं लेकिन व्रत के कुछ नियम जरूर पता होना चाहिए। आइए जानते हैं क्या हैं 10 नियम :
1. यदि आप नवरात्रि का उपवास रख रहे हैं तो ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें।
2. इन नौ दिनों में झूठ नहीं बोलना चाहिए और क्रोध नहीं करना चाहिए।
3. इन नौ दिनों में किसी भी प्रकार से किसी महिला या कन्या का अपमान न करें।
4. इन नौ दिनों में यदि आप उपवास नहीं भी कर रहे हैं तो भी आपको, गुटखा, पान, मद्यपान, मांस-भक्षण और मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए। व्रत में बार-बार जल पीने से भी बचना चाहिए।
5. अधिकतर लोग 2 समय खूब फरियाली खाकर उपवास करते हैं। ऐसा करने से व्रत का फल नहीं मिलता है। उपवास को उपवास के तरीके से ही करना चाहिए। नवरात्रि के दौरान रसोपवास, फलोपवास, दुग्धोपवास, लघु उपवास, अधोपवास और पूर्णोपवास किया जाता है। जिसकी जैसी क्षमता होती है वह वैसा उपवास करता है।
6. व्रत में यात्रा, सहवास, वार्ता, भोजन, गालीबकना आदि त्यागकर नियमपूर्वक व्रत रखना चाहिए तो ही उसका फल मिलता है। परंतु कई लोग ऐसा नहीं करते हैं।
7. अशौच अवस्था में व्रत नहीं करना चाहिए। जिसकी शारीरिक स्थिति ठीक न हो व्रत करने से उत्तेजना बढ़े और व्रत रखने पर व्रत भंग होने की संभावना हो उसे व्रत नहीं करना चाहिए। रजस्वरा स्त्री को भी व्रत नहीं रखना चाहिए। यदि कहीं पर जरूरी यात्रा करनी हो तब भी व्रत रखना जरूरी नहीं है। युद्ध के जैसी स्थिति में भी व्रत त्याज्य है।
8. माता जी का व्रत रखकर शास्त्र सम्मत विधिवत पूजा-अर्चना करना चाहिए। व्रत को बीच में ही तोड़ना नहीं चाहिए। यदि कोई गंभीर बात हो तो ही माता से क्षमा मांग कर ही व्रत तोड़ा जा सकता है।
9. अधोपवास अर्थात यदि एक समय भोजन करने का व्रत ले रखा है तो यह भी जानना जरूरी है कि भोजन में क्या खाना और क्या नहीं खाना चाहिए। जैसे नवमी के दिन लौकी नहीं खाते हैं।
10. सप्तमी, अष्टमी या नवमी के दिन व्रत का पारण कर रहे हैं तो व्रत का उद्यापन जरूर करें और नौ कन्याओं को भोजन करा कर उन्हें दक्षिणा देना चाहिए। तभी व्रत का फल मिलता है।
ज्योतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848