वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने रूस को यूक्रेन पर आक्रमण करने की स्थिति में ‘‘गंभीर परिणाम’’ भुगतने की चेतावनी दी है और इस मुद्दे के कूटनीतिक समाधान पर जोर दिया है।व्हाइट हाउस की प्रधान उप प्रेस सचिव कैरीन जीन पियरे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम संकट को कम करने के लिए एक राजनयिक समाधान तक पहुंचने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। सप्ताहांत में बाइडन ने राष्ट्रपति पुतिन के साथ बात की और हम अपने सहयोगियों तथा भागीदारों के साथ पूर्ण समन्वय में रूस की सरकार के साथ जुड़े हुए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर रूस इस मुद्दे पर रचनात्मक रुख का विकल्प चुनता है तो कूटनीति का रास्ता उपलब्ध है। हालांकि, हम रूस द्वारा जमीन पर उठाए जा रहे कदमों को देखते हुए इस बात की संभावनाओं को लेकर स्पष्ट हैं।’’ उन्होंने कहा कि बाइडन ने स्थिति पर चर्चा करने के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से संपर्क किया।
व्हाइट हाउस ने इस बातचीत का ब्योरा देते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन और रूस के साथ अपने हालिया राजनयिक संबंधों पर चर्चा की। उन्होंने यूक्रेन की सीमाओं पर रूस के निरंतर सैन्य जमावड़े के जवाब में चल रहे राजनयिक और कूटनीतिक प्रयासों की भी समीक्षा की और यूक्रेन की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की।
व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने नाटो के पूर्वी हिस्से पर रक्षात्मक मुद्रा को मजबूत करने के प्रयासों पर चर्चा की और सहयोगियों एवं भागीदारों के बीच निरंतर घनिष्ठ समन्वय को रेखांकित किया, जिसमें हमले की स्थिति में रूस पर गंभीर परिणाम थोपने की तत्परता भी शामिल है।’’
व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन के दौरान जीन पियरे ने कहा कि आशंका है कि किसी भी समय आक्रमण शुरू हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी खुफिया जानकारी के किसी भी विवरण पर टिप्पणी नहीं करेंगे, सिवाय इसके कि यह इस सप्ताह शुरू हो सकता है, ऐसी कई अटकलों हैं कि यह ओलंपिक के बाद होगा। यह स्पष्ट नहीं है कि रूस कौन सा रास्ता चुनेगा।’’
पियरे ने कहा कि अमेरिका किसी भी स्थिति के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति बाइडन ने इस सप्ताह के अंत में पुतिन के साथ अपनी बातचीत में यह स्पष्ट कर दिया कि यदि रूस यूक्रेन पर आक्रमण करता है, तो अमेरिका अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ मिलकर निर्णायक जवाब देगा और रूस को त्वरित और गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।’’