नई दिल्ली। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक विशेषज्ञ का कहना है कि कोविड-19 की तीसरी लहर अगस्त के अंत तक देश में दस्तक दे सकती है, लेकिन यह दूसरी लहर से कम गंभीर होगी। ICMR में महामारी विज्ञान और संक्रामक रोगों के प्रमुख डॉ. समीरन पांडा ने कहा कि ‘प्रत्येक राज्य के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वह राज्य स्तर की महामारी की जांच करे और निर्णय करे कि उनमें से कुछ ऐसी स्थिति में हो सकते हैं जहां उनकी तीव्रता बहुत कम हो। पहली और दूसरी लहर की।
पांडा ने कहा कि “तो अगर तीसरी लहर होती है तो यह अगस्त के अंत तक या उसके आसपास आएगी, लेकिन यह अपरिहार्य नहीं है।” राज्यों को अपने स्वयं के कोविड डेटा को देखने और जांच करने की आवश्यकता है कि वे महामारी के किस चरण में हैं। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर अगस्त के अंत में आ सकती है लेकिन यह अपरिहार्य नहीं है। हमें और सावधान रहने की जरूरत है।
पांडा ने आगे चेतावनी दी कि दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है और रोगसूचक मामलों की रिपोर्ट की संख्या में उतार-चढ़ाव है। तीसरी लहर कब आएगी और कितनी तीव्र हो सकती है, ये सभी ऐसे प्रश्न हैं जो कई कारकों से संबंधित हैं जो पूरी तरह से ज्ञात नहीं हैं। पांडा ने कहा कि “हम 24 घंटों में उतार-चढ़ाव के बारे में बात कर रहे हैं, जो निश्चित रूप से किए गए परीक्षण और रिपोर्टिंग तंत्र से संबंधित है “।