लखनऊ। एक रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में गिरफ़्तार किए गए कथित ठग संजय राय शेरपुरिया की फ़ाउंडेशन में कई रिटायर्ड आईएएस और आईपीएस अधिकारी सलाहकार थे। उत्तर प्रदेश पुलिस ने शेरपुरिया के ख़िलाफ दर्ज एफआईआर में उन्हें ठग कहा है। यूपी पुलिस ने पिछले मंगलवार को शेरपुरिया को गिरफ़्तार कर लिया था। शेरपुरिया की कंपनी यूथ रूरल आंत्रप्रेन्योर फ़ाउंडेशन (वाईआरईएफ़) के सलाहकार बोर्ड में रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस और सैन्य अधिकारी शामिल थे।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, शेरपुरिया की फ़ाउंडेशन से जुड़े एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी के कश्मीर में गिरफ़्तार किए गए ठग किरण पटेल से भी संबंध रहे हैं। संजय राय शेरपुरिया की किताब का विमोचन आरएसएस प्रमुख ने किया था। साल 2019 के चुनाव से पहले शेरपुरिया ने बीजेपी नेता और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा को 25 लाख रुपए का असुरक्षित लोन भी दिया था, जो उन्होंने अभी तक नहीं लौटाया है।
शेरपुरिया की कंपनी को गौ कल्याण प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार से दो करोड़ रुपए का फ़ंड भी मिला था। शेरपुरिया वाईआरईएफ़ में किसी पद पर नहीं हैं, लेकिन यूपी पुलिस ने अपनी एफ़आईआर में कहा है कि संजय राय ही वाईआरईएफ़ को संचालित करते हैं और राजनीति में असरदार लोगों के साथ अपनी नज़दीकी दिखाकर उन्होंने कई लोगों को ठगा है।
वाईआरईएफ़ ग्रामीण युवाओं की उद्यम क्षमता को तराशकर रोज़गार के अवसर पैदा करने का दावा करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022-23 में इस फ़ाउंडेशन को 7.84 करोड़ रुपए का चंदा मिला। दिल्ली एनसीआर की कई कंपनियों ने इस संस्था को चंदा दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, एक सार्वजनिक बैंक ने भी इसे चंदा दिया है।