कोलकाता। केंद्रीय गृह मंत्री दो दिवसीय पश्चिम बंगाल दौरे पर हैं। शाह ने अपने दौरे की शुरुआत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कार्यक्रमों से की। केंद्रीय गृह मंत्री ने बंगलादेश के साथ सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा के समीप उत्तर 24 परगना जिले के हिंगलगंज में गुरुवार को 6 अस्थायी बीपीओ (सीमा चौकी) का अनावरण करने के साथ ही सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की एक एम्बुलेंस को झंडी दिखाकर रवाना किया। अस्थायी बीओपी के नाम बीओपी के नाम सतलुज, नर्मदा, कावेरी, गंगा, साबरमती और कृष्णा रखे गये हैं।विस्तृत समाचार के
इसके अलावा उन्होंने हरिदासपुर स्थित मैत्री म्यूजियम का भी शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने हरिदासपुर में प्रहरी सम्मेलन को संबोधित भी किया। शाह ने कहा कि बीएसएफ की वीरता और समर्पण के कारण इसे आजतक एक महावीर चक्र, चार कीर्ति चक्र, 13 वीर चक्र और 13 शौर्य चक्र मिले हैं।बीएसएफ के अनेक जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान देश की सीमाओं से खिलवाड़ करने वालों से मुकाबला करने में दिया है।
मोदी सरकार का मुख्य लक्ष्य देश की आंतरिक व बाह्य सुरक्षा को अभेद्य बनाना है। दुनिया की आधुनिक तकनीक को बीएसएफ को उपलब्ध कराना हमारा लक्ष्य है। शाह ने कहा, ‘पीएम मोदी के के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है, इसका मुख्य कारण हमारी सीमाएं सुरक्षित होना है। देश के गृह मंत्री के कारण मैं चैन से इसलिए सो पाता हूं क्योंकि हमारे जवान सीमा पर तैनात होकर देश की सुरक्षा कर रहे हैं।’
उन्होंने आगे कहा कि आज सतलुज, कावेरी और नर्मदा ये तीन फ्लोटिंग बीओपी को राष्ट्र को समर्पित किया गया है। ये बीओपी सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं। 70 के दशक में जब हमारे पड़ोसी देश में मानव अधिकारों का हनन हुआ, अत्याचार के समय वहां से एक बयार हमारे यहां शरणार्थियों की आई, उस समय बीएसएफ और भारतीय सेना दोनों ने मिलकर बड़ी वीरता से उन क्षेत्र में मानव अधिकरों की रक्षा भी की और बांग्लादेश को जन्म देने का काम भी किया।