उज्जैन : हंसने के साथ जो योग किया जाता है उसे हास्य योग कहा जाता है और हास्य योग अत्यंत लाभदायक है। इस आशय का प्रतिपादन राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष सुवर्णा अशोक जाधव, मुंबई ने किया। राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना, उज्जैन के तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय हास्य योग संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में वे मंतव्य दे रही थीं।
राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना, उज्जैन के राष्ट्रीय मुख्य संयोजक प्राचार्य डॉ. शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख, पुणे ने समारोह की अध्यक्षता की। सुवर्णा जाधव ने आगे कहा कि खुलकर हंसने से तनाव कम होता है।प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है तथा रक्त संचारण भीअच्छा होता है। हास्य योग वजन कम करने में भी मददगार है। हंसने से मन प्रसन्न और प्रफुल्लित होता है। सोच में सकारात्मकता आती है। इसलिए तो कहते हैं कि “रोज हंसो रोग भगाओ”।
राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने कहा कि हास्य मनुष्य के जीवन का एक अंग है। मुक्त वातावरण में हास्य की महत्ता और बढ़ती है। राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना महिला इकाई की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शिवा लोहारिया, जयपुर ने कहा कि हंसना मनुष्य की स्वाभाविक विशेषता है अतः खुलकर हंसना चाहिए।
राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के राष्ट्रीय मुख्य संयोजक डॉ. शहाबुद्दीन शेख, पुणे ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि मुक्त हंसने से अनेक शारीरिक व मानसिक व्याधियाँ दूर होती है। “हास्य क्लब” के माध्यम से अनेक वरिष्ठ जन जीवन का आनंद प्राप्त करते हैं। प्रारंभ में राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता छत्तीसगढ़ ने सरस्वती वंदना के साथ डॉ. शिवा
लाहोरिया, जयपुर के जन्म उत्सव की स्क्रीन प्रस्तुत की। प्राध्यापिका मनीषा सिंह, मुंबई ने प्रस्तावना की। डॉ. रश्मि चौबे, गाजियाबाद, कमलेश कुमार दवे, इंदौर तथा बालासाहेब तोरस्कर, मुबंई की समारोह में उपस्थिति थी। समारोह का सफल संचालन डॉ. मुक्ता कान्हा कौशिक, रायपुर ने किया तथा पूर्णिमा कौशिक ने आभार ज्ञापित किया।