नयी दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी वैश्विक रिपोर्ट में कहा है कि भारत सरकार ने एक्टिविस्ट समूहों और मीडिया पर हमले तेज़ कर दिए हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच ने 100 से ज़्यादा देशों में मानवाधिकारों की स्थिति को लेकर अपनी वैश्विक रिपोर्ट जारी की है। 712 पन्नों की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने मुसलमान और अन्य अल्पसंख्यकों को दबाने के लिए अपमानजनक और भेदभावपूर्ण नीतियां अपनाई हैं। रिपोर्ट कहती है, ”पूरे भारत में एक्टिविस्ट, पत्रकारों और सरकार के अन्य आलोचकों को राजनीतिक कारणों से आपराधिक मामलों में गिरफ़्तार किया जा रहा है।
इसमें आतंकवाद संबंधी मामले भी हैं। प्रशासन आयकर छापों, वित्तीय अनियमितताओं को आरोपों और विदेशी अंशदान विनियम अधिनियम के ज़रिए मानवाधिकारों के लिए काम करने वालों को परेशान कर रहा है। बीजेपी शासित राज्यों में प्रशासन ने मुसलमानों के घर और संपत्तियां तोड़ी हैं और ये कदम बिना क़ानूनी वैधता या प्रक्रिया के तहत उठाया गया है। ऐसा विरोध प्रदर्शन या कथित अपराधों की सज़ा के तौर पर किया गया है।”
ह्यूमन राइट्स वॉच की दक्षिण एशियाई निदेशक मीनाक्षी गांगुली ने कहा, ”बीजेपी सरकार का हिंदू बहुसंख्यकवादी विचारधारा को बढ़ावा देने से प्रशासन और उनके समर्थकों धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसात्मक कार्रवाई कर रहे हैं। अधिकारियों को आलोचकों को जेल भेजने के बजाय उत्पीड़न करने वाले पार्टी के सदस्यों और समर्थकों पर लगाम लगानी चाहिए।”