विशाखापत्तनम। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि प्रौद्योगिकी के जरिए मानवीय अज्ञानता और प्रलोभन को समाहित किया जा सकता है। श्रीमती रमण ने जीआईटीएएम डीम्ड विश्वविद्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री एनटी रामा राव की जन्म शताब्दी को चिह्नित करते हुए ‘सशक्तिकरण- सुशासन की राह’ पर एनटी रामा राव स्मारक व्याख्यान में कहा,“ पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अफसोस जताया था कि अगर मैं लोगों को एक रुपया भेजता तो उन लोगों तक 15 पैसे ही पहुंचते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालांकि तकनीक को अपनाकर बाल्टी के छेदों को बंद कर दिया है।
कोई लीक नहीं है। सभी लाभार्थी को पूरा पैसा मिलना चाहिए।” उन्होंने कहा,“ पंद्रह पैसे नहीं पूरा एक रुपया मिला चाहिए।” उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी एक बहुत बड़े उपकरण बनकर आई है जिसके जरिए मानवीय अज्ञनता और मानवीय प्रलोभन निहित हैं और कोई भी उसे दरकिनार नहीं कर सकता है। वित्तमंत्री ने कहा,“ आज हमने जिस तरह से प्रौद्योगिकी को अपनाया है उससे आम जनता तक लाभ पहुंच रहा है। इससे सुशासन का एक लक्ष्य हासिल किया गया है।मैं यह नहीं कह रही हूं कि यह फुलप्रूफ है।
कुछ लोग इसे भी हैक करना जानते होंगे, लेकिन अब यह निश्चित है कि किसे क्या मिलना चाहिए। बिना किसी चोरी के यह चल रहा है।सुशासन उन उपकरणों की तलाश के बारे में है जिनके साथ आप उद्देश्यों को लागू करने में सक्षम हैं।” उन्होंने कहा, “मैं एक ऐसे नेता और उनके परिवार को विनम्र सम्मान देती हूं, जो आज 100 वर्ष का होते। मुझे अच्छा लगता है कि एक साल तक चलने वाले उत्सव में मुझे एक छोटी- सी भूमिका निभाने का अवसर मिला है। चाहे वह राम हों या कृष्ण, आधुनिक समय तक उस छवि को इतनी अच्छी तरह से लाने वाला कोई और नहीं है, एन टी रामा राव एक महान अभिनेता थे।”
उन्होंने कहा, “उनकी फिल्मों में पुराणों के प्रामाणिक संदर्भों का बहुत अच्छा मिश्रण था। कोई मनगढ़ंत बात नहीं थी, और अभिनय सिर्फ अतुलनीय था।आज जब हम सुशासन की बात करते हैं, तो आपके पास उस समय के बारे में बोलने के लिए बहुत कुछ है जब एनटी रामाराव आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।”