Kolkata Hindi News, कोलकाता। देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो का सफर को और भी रोमांचक बनाने में मेट्रो रेलवे प्रबंधन कोई कसर नहीं छोड़ नहीं रही है। कोलकाता से लेकर हावड़ा के बीच हुगली नदी के नीचे से होकर गुजरते समय यह सफर कोई सामान्य सफर नहीं होगा। अंडरवाटर मेट्रो के इस सफर के दौरान आपको सुरंग के अंदर मछलियां घुमती दिखेंगी और नदी की लहरों की कलकल आवाजें भी सुनाई देने वाली हैं।
जरा सोचिए, हुगली नदी के नीचे बने सुरंग से होकर गुजरता मेट्रो और मेट्रो के अंदर बैठे यात्रियों को सुनाई देने वाली नदी की आवाज और आसपास खेलती नजर आएगी मछलियां…कितना रोमांचक होगा न यह सफर। कोलकाता मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर, जो हावड़ा मैदान को सॉल्टलेक के सेक्टर 5 से जोड़ेगी, वह देश का पहला मेट्रो कॉरिडोर है जो अंडरवाटर है यानी नदी के नीचे सुरंग बनाकर उससे होकर गुजरेगी।
पिछले साल अप्रैल में ही अंडरवाटर मेट्रो का सफल ट्रायल रन किया गया था। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल के मध्य से लेकर अंत तक कोलकाता मेट्रो का ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर भी शुरू कर दिया जाएगा। ट्रायल रन की फोटो और वीडियो को देखकर काफी लोगों को मायूसी हुई थी कि अंडरवाटर मेट्रो भी अंडरग्राउंड मेट्रो जैसा ही दिख रहा है। कोलकाता मेट्रो के नये कदम से अंडरवाटर मेट्रो का सफर भी अब काफी रोमांचक बनेगा।
आसपास घुमेगी मछलियां
कोलकाता मेट्रो के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कौशिक मित्रा ने हाल ही में जानकारी दी है कि हुगली नदी के नीचे से होकर गुजरते समय 520 मीटर के रास्ते में यात्रियों को कुछ खास अनुभव मिल सके, मेट्रो रेलवे ऐसी ही व्यवस्था करने वाली है। मेट्रो में 520 मीटर की इस दूरी को तय करने में 45 सेकंड का समय लगेगा और यह 45 सेकंड कुछ ऐसा होगा, जिसे यात्री कभी भूलना नहीं चाहेंगे।
इस सफर के दौरान यात्रियों को मेट्रो की सुरंग के अंदर गहरे नीले पानी में चमकती मछलियां तो दिखेंगी ही, इसके साथ-साथ मेट्रो में बैठे यात्रियों को हुगली नदी की लहरों की आवाजें भी सुनाने की व्यवस्था मेट्रो प्रबंधन कर रही है।
स्पेशल साउंड और लाइट इफेक्ट का सहारा
दरअसल, 45 सेकंड में जब मेट्रो हुगली नदी के नीचे से होकर 520 मीटर की दूरी तय करेगी, उस समय स्पेशल साउंड और लाइट इफेक्ट का सहारा लिया जा रहा है। इस दूरी में सुरंग के अंदर लाइट्स लगायी जा रही हैं जो गहरे नीले रंग की होगी और नीले रंग के पानी जैसा अनुभव करवाएगी।
यात्रियों के इस अनुभव को और भी रोमांचक बनाने के लिए इस जगह से गुजरते समय मेट्रो के अंदर पानी की लहरों वाली स्पेशल साउंड इफेक्ट बजायी जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार मेट्रो रेल प्रबंधन प्रसिद्ध इलेक्ट्रॉनिक कंपनी फिलिप्स के साथ मिलकर यह पूरी व्यवस्था करने वाली है।
बता दें, ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर में रवीन्द्र सेतु (हावड़ा ब्रिज) से 350 मीटर नीचे जुड़वा सुरंगों का निर्माण किया गया है जो हुगली नदी के नीचे से होकर गुजरी है। यह सुरंग कोलकाता को हावड़ा से जोड़ती है। मिली जानकारी के अनुसार इस साल इस रूट पर मेट्रो का संचालन शुरू होने की संभावना है।
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