कोलकाता। जादवपुर विश्वविद्यालय में बांग्ला विभाग के प्रथम वर्ष के छात्र स्वप्नदीप कुंडू की मौत के मामले में हॉस्टल अधीक्षक ने आखिरकार पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया है। हॉस्टल अधीक्षक द्वीपायन दत्त ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया है कि हॉस्टल में छात्रों के साथ खूब रैगिंग होती थी और इसकी पूरी जानकारी विश्वविद्यालय प्रबंधन को थी। हालाँकि, इसे रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने हॉस्टल में व्याप्त नशे को लेकर भी अपना मुंह खोला।
दावा है कि हॉस्टल में सीनियर्स का दबदबा था। यहां गांजा- शराब- अफीम -चरस का जमकर नशा किया जाता था। हॉस्टल में जब नये लड़के आते थे तो सीनियर्स से उनका ‘परिचय’ कराया जाता था। और इस दौरान छात्रों के कपड़े भी उतार दिए जाते थे। उन्होंने दावा किया कि अधिकारियों को हॉस्टल में रैगिंग और शराब पार्टियों की जानकारी थी।
अधीक्षक ने पुलिस को बताया है कि आए दिन रात को इस तरह की घटनाएं होती थीं और इस बारे में जब अधिकारियों को जानकारी दी जाती थी तो कोई मदद नहीं मिलती थी। गुरुवार को एक बार फिर डीन ऑफ स्टूडेंट्स रजत रॉय को मुख्यालय-लालबाजार में जांच अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए बुलाया है। छात्रों के घेराव के कारण वह अपने चैंबर में कैद थे
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छात्रों ने इस्तीफे की मांग की
छात्रों ने कथित रैगिंग मामले के लिए डीन को दोषी ठहराया, जिसके कारण प्रथम वर्ष के छात्र की मौत हो गई। जेयू रजिस्ट्रार स्नेहा मंजू बसु, विश्वविद्यालय के एक अन्य अधिकारी के साथ, निर्धारित समन के अनुसार कोलकाता पुलिस मुख्यालय में उपस्थित हुईं।जांच का नेतृत्व कर रहे संयुक्त सीपी क्राइम, शंख शुभ्रा चक्रवर्ती, डीन ऑफ स्टूडेंट्स से प्रशासन के विवरण के साथ-साथ पूर्व छात्रों की सूची के बारे में दस्तावेज मांगे हैं, जो कथित तौर पर अवैध रूप से हॉस्टल में रह रहे हैं। कोलकाता पुलिस की अपराध-विरोधी शाखा ने कथित अपराध में कुल मिलाकर नौ आरोपित वर्तमान और पूर्व छात्रों को गिरफ्तार किया, साथ ही छह और संदिग्धों को मंगलवार रात को गिरफ्तार किया।