होली हम सभी के लिए खुशियां, मस्ती, रोमांच और उत्साह लेकर आती है, लेकिन रंगों के इस त्योहार में रंग खेलने का जितना उमंग होता है, उससे कहीं ज्यादा रंग छुड़ाने का टेंशन रहता है।
दरअसल, ‘बुरा न मानो होली है’ कहकर रंग फेंकने बाले अल्हड़ युवक-युवतियों की टोलियां अपनी पिचकारी व गुब्बारों में जो रंग इस्तेमाल करते हैं या रंजक व गुलाल का प्रयोग करते हैं, उनमें अभ्रक, शीशा जैसे हानिकारक रसायनिक पदार्थ मिले होते हैं। इनसे त्वचा रुखी और बेजान हो जाती है, बल झडऩे लगते हैं और त्वचा में जलन शुरू हो जाती है।
जाहिर है कि मौजूदा दौर में बाजार में बिकने बाले रंगों में हर्बल तथा प्राकृतिक उत्पाद नाममात्र ही होते हैं। लकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। आप दिल खोलकर होली खेल सकते हैं और रंगों के हानिकारक प्रभावों से बच सकते हैं। यही नहीं, रंग छुड़ाने का टेंशन भी नहीं रहेगा, क्योंकि आन चुटकियों में रंग छुड़ा सकते हैं। इसके लिए आपको बस थोड़े से उपाय करने होंगे।
आमतौर पर लोग खुले में रंग खेलते हैं, जिससे सूर्य की गर्मी से भी त्वचा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। खुले आसमान में हानिकाक पराबैंगनी किरणों के साथ-साथ नमी की कमी से त्वचा के रंग में कालापन आ जाता है। होली खेलने के बाद त्वचा निर्जीव बन जाती है।
इससे बचने के लिए होली खेलने से 20 मिनट पहले त्वचा पर 20 एस.पी.एफ. सनस्क्रीन का लेप कीजिए। यदि आपकी त्वचा पर फोड़े$, फुन्सियां आदि है तो 20 एसपीएफ से ज्यादा सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए। ज्यादातर सनस्क्रीन में माइस्चराईजर ही विद्यमान होता है। यदि आपकी त्वचा अत्यधिक शुष्क हैं तो सनस्क्रीन लगाने के बाद थोड़ा इंतजार करें और फिर त्वचा पर मॉइस्चराइजर का लेप करें। बाहों व शरीर के सभी खुले अंगों पर मॉइस्चराइजर लोशन या क्रीम का उपयोग करें।
आंखों के इर्द गिर्द के हिस्से को हल्के-हल्के साफ करना न भूलें। क्लीजिंग जैल से चेहरे पर जमे रंगों को धुलने तथा हटाने में काफी मदद मिलती है। अपना घरेलू क्लीनजर बनाने के लिए आधा कप ठण्डे दूध में तिल, जैतून, सूर्यमुखी या कोई भी वनस्पति तेल मिला लीजिए। काटन वूल पैड को इस मिश्रण में डूबोकर त्वचा को साफ करने के लिए उपयोग में लाएं।
शरीर से रासायनिक रंगों को हटाने में तिल के तेल की मालिश महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। इससे न केवल रसायनिक रंग हट जाऐंगे, बल्कि त्वचा को अतिरिक्त सुरक्षा भी मिलेगी।
तिल के तेल की मालिश से सूर्य की किरणों से हुए नुकसान की भरपाई में मदद मिलती है। नहाते समय शरीर को लूफ या वाश कपड़े की मदद से स्क्रब कीजिए तथा नहाने के तत्काल बाद शरीर तथा चेहरे पर माइस्चराईजर का उपयोग कीजिए। इससे शरीर में नमी बनाए रखने में मदद मिलेगी।
यदि त्वचा में खुजली है तो पानी के मग में दो चम्मच सिरका मिलाकर उसे त्वचा पर लगाएं तथा इससे खुजली खत्म हो जाऐगी। इसके बाद भी त्वचा में खुजली जारी रहती है तथा त्वचा पर लाल चकत्ते तथा दाने उभर आते है तो आपकी त्वचा को रंगों से एलर्जी हो गई तथा इसके लिए आपको डाक्टर से आवश्यक सलाह मशवरा जरूर कर लेना चाहिए।
बालों को साफ करने के लिए बालों में फंसे सुखे रंगों तथा अभ्रक को हटाने के लिए बालों को बार-बार सादे ताजे पानी से धोते रहिए। इसके बाद बालों को हल्के हर्बल शैम्पू से धोएं तथा उंगलियों की मदद से शैम्पू को पूरे सिर पर फैला लें तथा इसे पूरी तरह लगाने के बाद पानी से अच्छी तरह धोएं। बालों की अंतिम धुलाई के लिए बियर को अंतिम हथियार के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। बीयर में नींबू का जूस मिलाकर शैम्पू के बाद सिर पर उड़ेल लें। इसे कुछ मिनट बालों पर लगा रहने के बाद साफ पानी से धो डालें।
होली के अगले दिन दो चम्मच शहद को आधा कप दही में मिलाकर थोड़ी सी हल्दी में मिलाए तथा इस मिश्रण को चेहरे, बाजू तथा सभी खुले अंगों पर लगा लें। इसे 20 मिनट लगा रहने दें तथा बाद में साफ ताजे पानी से धो डालें।
इससे त्वचा से कालापन हट जाएगा तथा त्वचा मुलायम हो जाएगी। होली के अगले दिनों के दौरान अपनी त्वचा तथा बालों को पोषाहार तत्वों की पूर्ति करें। एक चम्मच शुद्ध नारियल तेल में एक चम्मच अरंडी का तेल मिलाकर इसे गर्म करके अपने बालों पर लगाएं।
गर्म पानी में तौलिया भीगों कर पानी को निचोड़ दें और तौलिए को सिर पर लपेट लें। इसे 5 मिनट तक पगड़ी की तरह सिर पर बंधा रहने दें। इस प्रक्रिया को 4-5 बार दोहराने से सिर पर तेल को जमने में मदद मिलती है। एक घंटा बाद बालों को साफ पानी से धोएं।