Hit and run law : विरोध में उतरे 25 लाख ट्रक ड्राइवर, सप्‍लाई हो सकती है ठप

Protest against hit and run law : हिट एंड रन कानून में ज्यादा सजा-जुर्माने का विरोध में देशभर में करीब आधे ट्रकों के पहिए थम चुके हैं। विरोध में शामिल होने वाले ड्राइवरों की संख्‍या धीरे बढ़ती जा रही है। ड्राइवर रोड पर ट्रक छोड़कर जा रहे हैं। उत्‍तर प्रदेश,मध्‍य प्रदेश, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, पंजाब और उत्तराखंड में आज हालात बिगड़ सकते हैं।

आल इंडिया मोटर ट्रांसपार्ट कांग्रेस (गैर राजनीतिक) ने आज दोपहर में इस संबंध में देशभर के ट्रांसपोर्ट यूनियनों की बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। देशभर के तमाम राज्‍यों में केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून का जमकर विरोध हो रहा है।

ड्राइवरों के साथ तमाम ट्रांसपोर्ट यूनियनें इस कानून के विरोध में सड़कों पर उतर आई हैं। तमाम जगह आज भी चक्का जाम और बसों-ट्रकों की हड़ताल की सूचना है। इस हड़ताल में प्राइवेट बसों, ट्रकों से लेकर सरकारी महकमे में शामिल प्राइवेट बसें भी शामिल हो रही हैं। दरअसल, हिट एंड रन के नए कानून के तहत केंद्र सरकार ने 10 साल की सजा एवं 10 लाख जुर्माना लगाने का प्रावधान लागू किया है।

देश की अन्य खबरें || जरूर पढ़े...

https://kolkatahindinews.com/demo/the-year-2023-ended-with-some-tears-of-joy-and-some-sorrow/

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपार्ट कांग्रेस के अध्‍यक्ष अमृत लाल मदान ने बताया कि ट्रांसपोर्ट यूनियन ड्राइवरों के समर्थन आ गयी हैं। इस मामले में आज दोपहर को देशभर की तमाम यूनियनों की बैठक बुलाई गयी है। इसी बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी और तय रणनीति के अनुसार आगे विरोध के तरीके अपनाए जाएंगे।

अमृत लाल मदान ने बताया कि मौजूदा समय 95 लाख से ज्यादा ट्रक पंजीकृत हैं, इनमें से 70 लाख ट्रक एक समय में रोड पर चलते हैं। इसमें से 30 से 40 फीसदी ट्रक रास्‍ते में खड़े हो गए हैं। इस हिसाब से यदि मोटा-मोटा अनुमान लगाया जाए तो एक साथ चलने वाले 70 लाख ट्रकों में से करीब 25 लाख से अधिक ट्रकों के पहिए थम गए हैं। इस तरह जल्‍द ही जरूरी सामान की सप्‍लाई प्रभावित हो सकती है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च कर, फॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

fourteen + 20 =