नयी दिल्ली: हिंदुस्तान जिंक लि. की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने बृहस्पतिवार को कहा कि कंपनी जस्ते का उत्पादन बढ़ाकर 15 लाख टन करेगी। उन्होंने कहा कि हमारा हिंदुस्तान जिंक को दुनिया की उम्दा कंपनी बनाने का लक्ष्य है। जस्ते का उपयोग बैटरी और दवाओं में किया जाता है। कंपनी की सालाना आम बैठक में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब 21वीं सदी के भारत का आर्थिक इतिहास लिखा जाएगा, तो हिंदुस्तान जिंक की बदलाव की कहानी का अपना एक अध्याय होगा।
हिंदुस्तान जिंक (एचजेडएल) वर्ष 1996 में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के रूप में स्थापित हुई थी। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने अगस्त, 2002 में कंपनी में नियंत्रक हिस्सेदारी वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट इंडस्ट्रीज को लगभग 769 करोड़ रुपये में बेच दी थी।
हिंदुस्तान जिंक आज स्विट्जरलैंड की कंपनी ग्लेनकोर के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी जस्ता-सीसा खनन करने वाली कंपनी है। यह अब दुनिया में चांदी उत्पादकों की सूची में शीर्ष 10 में शामिल हो गयी है। उन्होंने कहा कि कई गुना लाभ बढ़ने के साथ जस्ता, सीसा और चांदी की उत्पादन क्षमता भी बढ़कर 11 लाख टन हो गयी है जो 2002 में दो लाख टन सालाना थी।
कंपनी की चेयरपर्सन ने कहा, ”और हमने अभी तक काम पूरा नहीं किया है… हिंदुस्तान जिंक भारत में उद्योग में अग्रणी है। एक दिन हम दुनिया की सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में शामिल होंगे।” प्रिया ने कहा कि जस्ता देश की विकास गाथा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस क्षेत्र में कम से कम तीन-चार प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है और हिंदुस्तान जिंक ने अपने उत्पादन को 10 लाख टन से बढ़ाकर 15 लाख टन सालाना करने की योजना बनाई है।
हालांकि, उन्होंने इसके लिये कोई समयसीमा नहीं दी। हिंदुस्तान जिंक की चेयपर्सन ने कहा, ”हमारे वृद्धि प्रयासों में क्षमता विस्तार, लंबे समय तक खानों को बनाये रखने, लागत को बेहतर करने और ग्राहक केंद्रित होना शामिल है। हम इन उपायों के माध्यम से उत्पादों का विस्तार करने के साथ टिकाऊ भविष्य की ओर बढ़ेंगे।”