कोलकाता। भवानीपुर कॉलेज की लाइब्रेरी में हुए बुक रिडिंग सेशन के अंतर्गत हिंदी और अंग्रेजी भाषा के दो नये कहानी संग्रह जार ऑफ मार्बल और स्नेह स्पंदन की कहानियों को पढ़ा गया। इस अवसर पर भवानीपुर कॉलेज के रेक्टर और डीन प्रो. दिलीप शाह ने किताबों को पढ़ने पर जोर दिया और कई महत्वपूर्ण बातें साझा की। कार्यक्रम का आरंभ डॉ. रेखा नारिवाल द्वारा गाए गीत गुरु वंदना से किया गया। संचालन और संयोजन डॉ. वसुंधरा मिश्र का रहा। अंग्रेजी लेखिका प्रो. चंपा श्रीनिवासन ने 16 कहानियों के संग्रह जार ऑफ मार्बल पर अपने अनुभवों को साझा किया जो बहुत ही रोमांचक भरा रहा। प्रो. चंपा श्रीनिवासन ने अपनी मां को समर्पित सभी कहानियों में अपने व्यक्तिगत जीवन की यात्राओं को अपनी कहानियों में पिरोया है जो बंगला, तमिल, हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं की संस्कृतियों का आदान-प्रदान रहा। टू स्टेट्स, नेमसेक, ए टेल ऑफ टू सीटीस, माई हाफ लव स्टोरी आदि पर विद्यार्थियों ने अपने वक्तव्य रखे।
हिंदी लेखिका मीना चतुर्वेदी ने अपने कहानी संग्रह स्नेह स्पंदन के विषय पर अपने महत्वपूर्ण विचारों को साझा किया। 29 कहानियों के संग्रह में विद्यार्थियों ने फरिश्ता, ठूंठ, आशियाँ हमारा, लिबास, एक बंगला बने न्यारा आदि कहानियों की जम कर चर्चा की। इस अवसर पर कवयित्री रीमा पांडेय ने अपनी कविताओं की पंक्तियों से आरंभ करते हुए मीना चतुर्वेदी के कहानी संग्रह पर अपने महत्वपूर्ण विचार रखे। विद्यार्थियों ने कहानियों का पाठ किया और अपने विचारों को व्यक्त किया।काव्या गुप्ता, उज्जवल करमचंदानी, कशिश शॉ आदि विद्यार्थियों ने कहानियां पढी़।
यह कार्यक्रम 16.9.23 सितंबर 2023 प्रातः 11.30 से आरंभ हुआ और दो घंटे तक चला। इस अवसर पर दोनों लेखिकाओं का स्वागत किया कॉलेज के रेक्टर और डीन प्रो दिलीप शाह ने। डॉ. वसुंधरा मिश्र ने अपने वक्तव्य में लघुकथा किसे कहते हैं विषय पर चर्चा की। हिंदी दिवस और शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दीं और पुस्तकों को अधिक से अधिक पढ़ने पर जोर दिया। प्रिंट मीडिया अभी भी पाठकों को आकर्षित करता है। वर्तमान युग में सोशल मीडिया का महत्व है इसमें कोई शक नहीं संदेह नहीं है फिर भी लेखक के मुख से उसकी कहानी के बारे में जानना बहुत ही अपनेपन से पूर्ण होता है। प्रो. मीनाक्षी चतुर्वेदी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर 40 से अधिक विद्यार्थी और विभिन्न विभाग के शिक्षक और शिक्षिकाओं की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन किया डॉ. वसुंधरा मिश्र ने।