कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ ने अदालत की अवमानना के आरोप में पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय को कारण बताओ नोटिस जारी किया। दो अन्य भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों, झारग्राम जिले के पूर्व पुलिस अधीक्षक बिस्वजीत घोष और वर्तमान झारग्राम जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय), कल्याण सरकार को भी नोटिस दिया गया है। वहां तीन पुलिस अधिकारियों को 30 जुलाई को कलकत्ता उच्च न्यायालय की सब्यसाची भट्टाचार्य की खंडपीठ में उपस्थित होना होगा और यह बताना होगा कि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना के आरोपों के तहत कार्यवाही क्यों न शुरू नहीं की जाए?
न्यायमूर्ति भट्टाचार्य ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए तीन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ यह फैसला सुनाया। सुवेंदु का आरोप है कि वे 7 जनवरी, 2022 को एक पार्टी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए झारग्राम जिले के नेताई जा रहे थे, तब उन्हें उनके गंतव्य से कम से कम 20 किमी दूर पुलिस ने रोक दिया।
अपनी याचिका में उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें पुलिस ने यह कारण बताते हुए रोका कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस भी नेताई में एक पार्टी कार्यक्रम आयोजित कर रही है और इसलिए वहां उनके प्रवेश से कानून-व्यवस्था की स्थिति बाधित हो सकती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिला पुलिस ने इस साल 7 जनवरी को उल्लेखित तीन पुलिस अधिकारियों के निर्देश के बाद उन्हें रोका था। अपने तर्क में अधिकारी के वकील ने कहा कि पिछले साल इसी पीठ में विपक्ष के नेता के सुरक्षा पहलुओं पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने राज्य सरकार की ओर से आश्वासन दिया था कि अधिकारी राज्य में कहीं भी स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं।
उनकी सुरक्षा की व्यवस्था करना राज्य का कर्तव्य है। राज्य के महाधिवक्ता के आश्वासन के बाद भी इस साल 7 जनवरी को पुलिस ने विपक्ष के नेता को उनके गंतव्य तक पहुंचने से रोक दिया और इसलिए यह अदालत की अवमानना का मामला बनता है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने पर न्यायमूर्ति भट्टाचार्य ने तीनों पुलिस अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया।