कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग को राज्य के शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी को कथित रूप से अनुचित तरीके से नौकरी देने के बजाय उसके स्थान पर याचिकाकर्ता बबीता सरकार को 10 दिनों के भीतर नियुक्ति पत्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने इस आशय का निर्देश देते हुए यह भी आदेश दिया कि कूचबिहार जिले के इंदिरा हाई स्कूल में शिक्षक अंकिता अधिकारी द्वारा लौटाई गई वेतन राशि को बबीता सरकार को सौंप दिया जाए।
अदालत ने इससे पहले अंकिता अधिकारी को उनके शिक्षण कार्य से बर्खास्त करने का आदेश दिया था और दो किश्तों में उनका 43 महीने का वेतन वापस करने का निर्देश दिया था। अदालत ने पाया कि अंकिता ने मंत्री की बेटी होने के नाते अनुचित तरीकों से अपनी नौकरी हासिल की और एसएससी परीक्षा में बेहतर अंक हासिल करने वाली बबीता सरकार को वंचित कर दिया गया। न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि बबीता सरकार को 30 जून तक नौकरी दी जाए और वह 10 जुलाई तक कार्यभार ग्रहण कर सकती हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले हाई कोर्ट ने परेश चंद्र अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी को बर्खास्त करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही न्यायमूर्ति अविजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने अंकिता अधिकारी को उनकी सेवा अवधि के दौरान स्कूल से प्राप्त लगभग 43 महीने के वेतन को वापस करने का भी निर्देश दिया था। यह बताया गया था कि अंकिता अधिकारी ने सभी मानदंडों का उल्लंघन करते हुए अपनी नियुक्ति प्राप्त की। वह योग्यता सूची में उत्तीर्ण नहीं हुई थी और यहां तक कि व्यक्तित्व परीक्षण के लिए भी उपस्थित नहीं हुई थी।