स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) ऐसा दिन है जब हम अपने महान स्वतंत्रता सेनानियों को अपनी श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने अंग्रेजों से भारत को आज़ाद कराने के लिए अपना बलिदान दिया। 15 अगस्त 1947 को भारत के नागरिकों ने अनेकों कुर्बानियां देकर अंग्रेजी शासन से स्वाधीनता प्राप्त की थी। यह राष्ट्रीय पर्व भारत के गौरव का प्रतीक है।प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को सरकारी इमारतों पर तथा नागरिक भी अपने मकानों पर तिरंगा झण्डा फहरातें हैं।
प्रधानमंत्री प्रातः 7 बजे लाल क़िले पर झण्डा लहराते हैं और देशवासियों को अपने देश की नीति पर भाषण देते हैं। हज़ारों लोग उनका भाषण सुनने के लिए लाल क़िले पर जाते हैं और करोड़ों लोग मिडिया के माध्यम से कार्यक्रम को सुनते और देखते हैं। स्कूलों में भी स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और बच्चों में मिठाईयाँ भी बाँटी जाती हैं। परंतु कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के चलते 2020 से स्कूलों में कार्यक्रम बंद है।
प्रतिवर्ष 14 अगस्त को रात्रि 8 बजे राष्ट्रपति देशवासियों को सन्देश देते हैं, जिसका रेडियो तथा टेलीविज़न पर प्रसारण किया जाता है। सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महायज्ञ का प्रारम्भ अपने प्राणों को भारत माता पर मंगल पांडे ने न्यौछावर करके किया और देखते ही देखते यह चिंगारी एक महासंग्राम में बदल गयी जिसमें झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, नाना साहेब, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफ़ाक, चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव आदि देश के लिए शहीद हो गए।
बाल गंगाधर तिलक ने स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है का सिंहनाद किया और सुभाष चंद्र बोस ने कहा – तुम मुझे ख़ून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा…
और इस प्रकार से भारतवर्ष 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था और आज देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।