वृहत्तर कोलकाता जिले की श्रीराम काव्य पाठ राष्ट्रीय प्रतियोगिता सम्पन्न

कोलकाता : राष्ट्रीय कवि संगम, पश्चिम बंगाल की वृहत्तर कोलकाता जिले की श्रीराम काव्य पाठ राष्ट्रीय प्रतियोगिता का सफल आयोजन प्रान्तीय अध्यक्ष डाँ. गिरिधर राय की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम की मर्यादा में चार चाँद लगा दिया। कार्यक्रम की शुरुआत जिला संयोजक रामाकांत सिन्हा की राम वंदना से हुई जिससे पूरा वातावरण राममय हो गया।

प्रान्तीय सह-संयोजिका व मध्य कोलकता की महामंत्री स्वागता बसु ने प्रतिभागियों को प्रतियोगिता के नियमों की जानकारी देकर उनका मार्गदर्शन किया। इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल के 8 जिलो के प्रतिभागियों ने बंगला एवं हिंदी में राम-महिमा पर केन्द्रित हृदयस्पर्शी कविताएँ सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिनमें दीपू राय, विद्या दास, सौभिक रॉय, अभिजीत बेज, कृशानु देबनाथ, श्यामसुंदर बंसल, शिव कुमार पासवान, देवस्मिता घोष, कानाई रॉय सरकार, नवीन साहू, ब्रतिदीपा कुंडु, पियाली राउल, ममता बैनर्जी “मंजरी”, अभिजीत दे प्रमुख थे।

पुष्पा साव के कुशल संचालन ने प्रतियोगिता को एक नया आयाम दिया। समय निर्धारक प्रिया साव ने बड़ी ही कुशलता के साथ प्रतिभागियों के समय का रेकॉर्ड रखा। स्वागता बसु और श्यामा सिंह जैसे पारखियों ने कुशलता पूर्वक निर्णायक की भूमिका निभाई। राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल के शब्दों ने प्रतिभागियों एवं कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार किया। उन्होंने कहा कि प्रान्तीय अध्यक्ष डाँ. गिरिधर राय जी की अध्यक्षता में पश्चिम बंगाल के कार्यकर्ता जिस सक्रियता से कार्य कर रहे है, उनकी जितनी भी प्रशंसा की जाय कम है। उनके शब्दों ने उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार किया।

प्रतियोगिता के उपरान्त निर्णायकों ने अपने वक्तव्य रखें और इसी के साथ संयोजक एवं मध्य कोलकाता के जिलाध्यक्ष रामाकान्त सिन्हा, सह-संयोजक बद्रीनाथ साव, प्रान्तीय संयोजक देवेश मिश्रा, प्रान्तीय मंत्री बलवंत सिंह गौतम, प्रांतीय महामंत्री राम पुकार सिंह ने अपने – अपने अभिभाषण द्वारा सभी प्रतिभागियों को उत्साहवर्धन किया। प्रान्तीय सह-संयोजिका स्वागता बसु ने धन्यवाद ज्ञापन किया। अंत मे राम धुन के साथ ही कार्यक्रम का समापन हुआ। श्रोता के रूप में कई जाने-माने साहित्यकार एवं काव्यरसिक उपस्थित थे।

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