कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चल रहे पंचायत चुनाव की प्रक्रिया के बीच राज्य भर में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे राज्यपाल डॉक्टर सीवी आनंद बोस से अब सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस का टकराव खुलकर सामने आ गया है। पार्टी ने राज्यपाल के खिलाफ राज्य चुनाव आयोग को एक लिखित पत्र दिया है जिसमें उन पर चुनावी आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है। पार्टी के राज्य अध्यक्ष सुब्रत बख्सी की ओर से लिखे गए इस पत्र में उनकी निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि राज्यपाल चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे हैं।
इसके अलावा विभिन्न जिलों में जाकर सरकारी गेस्ट हाउस में बैठकर भाजपा और अन्य विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। इसके अलावा राज्य चुनाव आयुक्त की गतिविधियों को लेकर भी लगातार सवाल खड़ा कर रहे हैं। स्थानीय बीडीओ से बात करके वह तथ्य एकत्रित कर रहे हैं और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को बुलाकर कानून व्यवस्था की चीजें पूछ रहे हैं।
राजभवन में उन्होंने कंट्रोल रूम भी खोला है जो पूरी तरह से चुनावी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।इधर राज्यपाल ने बासंती और कैनिंग में हिंसा प्रभावित तृणमूल के कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात कर चुनाव आयोग को 48 घंटे का समय दिया है। उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग और पुलिस प्रशासन नियमानुसार काम नहीं कर रहे हैं। कोर्ट के आदेश का भी अनुपालन नहीं हो रहा है इसलिए 48 घंटे का समय दे रहा हूं। इसके बाद आवश्यक कदम उठाया जाएगा।
तृणमूल नेता मदन मित्रा ने राज्यपाल पर हिंसा फैलाने का लगाया आरोप, राजभवन को अपवित्र करने की बात कही
कोलकाता। तृणमूल के कद्दावर नेता मदन मित्रा ने राज्यपाल को लेकर विस्फोटक बयान दिया है। वे चुनाव प्रचार के लिए उत्तर बंगाल आये थे। प्रचार के दौरान उन्होंने राज्यपाल को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि गवर्नर खुद हिंसा फैला रहे हैं और गवर्नर हाउस को अपवित्र कर रहे हैं। चुनाव खत्म होते ही राजभवन को गंगा जल से पवित्र करना होगा।