नई दिल्ली । सरकार ने वाहनों की सुरक्षा को लेकर ‘भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम’ जारी कर दिया है। इस नये नियम को अगले वर्ष अप्रैल 2023 से लागू किया जाएगा। हालांकि इसे लागू करने से पहले सरकार ने अगले तीस दिनों की अंदर इससे जुड़े सभी हितधारकों से सुझाव भी मांगे हैं।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (बीएनसीएपी) के संबंध में सीएमवीआर (केंद्रीय मोटर वाहन नियमन), 1989 में एक नया नियम 126ई सम्मिलित करने का प्रस्ताव किया गया है। इस भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम अर्थात नया कार सुरक्षा मुल्यांकन कार्यक्रम के जरिए दुर्घटना के परीक्षणों में उनके प्रदर्शन के आधार पर ऑटोमोबाइल को स्टार रेटिंग देने का सिस्टम का प्रस्ताव किया गया है। इसमें वाहन को एक से पांच स्टार तक की स्टार रेटिंग देने की बात कही गई है।
मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक यह देश में निर्मित या आयातित 3.5 टन से कम सकल वाहन वजन के साथ श्रेणी एम 1 श्रेणी (यात्रियों की गाड़ी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मोटर वाहन, जिसमें चालक की सीट के अलावा आठ सीटें शामिल हैं) के स्वीकृत मोटर वाहनों पर समय-समय पर संशोधित ऑटोमोटिव उद्योग मानक (एआईएस)-197 के अनुसार लागू होता है। यह मानदंड वैश्विक बेंचमार्क के अनुसार है और न्यूनतम नियामक आवश्यकताओं से कहीं अधिक है।
यह दावा किया गया है कि, भारत एनसीएपी रेटिंग उपभोक्ताओं को एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन, चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन और सुरक्षा सहायक प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में वाहन का मूल्यांकन करके इसमें सवार लोगों की सुरक्षा के स्तर का संकेत प्रदान करेगी। एआईएस 197 के अनुसार किए गए विभिन्न परीक्षणों के खिलाफ स्कोरिंग के आधार पर वाहन को एक से पांच स्टार तक की स्टार रेटिंग दी जाएगी।
यह यात्री कारों की सुरक्षा रेटिंग की अवधारणा को पेश करता है और उपभोक्ताओं को संकेत के अनुसार निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। यह देश में ओईएम द्वारा उत्पादित कारों की निर्यात क्षमता को बढ़ावा देगा और इन वाहनों में घरेलू ग्राहकों का विश्वास भी बढ़ाएगा। इसके अतिरिक्त यह कार्यक्रम निमार्ताओं को उच्च रेटिंग अर्जित करने के लिए उन्नत सुरक्षा प्रौद्योगिकियां प्रदान करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा।
आपको बता दें कि, इस कार्यक्रम के लिए सीएमवीआर 1989 के नियम 126 में शामिल आवश्यक बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित परीक्षण एजेंसियों में वाहनों की जांच की जाएगी। इस संबंध में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 24 जून, 2022 को एक अधिसूचना जारी की है। इसके तीस दिनों की अवधि के भीतर सभी हितधारकों से सुझाव मांगे गए हैं। सरकार इसे अप्रैल 2023 से लागू करेगी।